उज्जैन 11 अगस्त। शहर के बहादुरगंज में रहने वाले 23 वर्षीय नितेश भाटिया जीवन यापन के लिये पानीपुरी का ठेला लगाते थे। परिवार में माता-पिता, दो भाई और तीन बहनें थी। दो बहनों की शादी के पश्चात परिवार की माली हालत काफी कमजोर हो गई थी। इस वजह से नितेश को अपनी पढ़ाई छोड़कर घर चलाने के लिये परिवार का हाथ बंटाना पड़ा। परिवार में पिता कपड़े सिलकर और भाई दुकान पर काम करते हुए अपनी ओर से घर चलाने में योगदान देते थे। नितेश भी पानीपुरी का ठेला लगाकर परिवार की माली हालत को सुधारने में अपनी ओर से कोशिश करने लगे। कोरोना संक्रमण के कारण बीते कुछ महीनों से लॉकडाउन के चलते नितेश और उनके परिवार की रोजीरोटी का सहारा और रोजगार ठप पड़ गया था।
कई दिनों से ठेला न लगा पाने के कारण जो सीमित आमदनी होती थी वह भी रूक गई थी। जब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई तो दोबारा ठेला प्रारम्भ करने के लिये लगने वाली पूंजी भी उनके पास नहीं थी। ऐसे में प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना नितेश और उसके पूरे परिवार के लिये वरदान साबित हुई। नितेश को इस योजना के अन्तर्गत स्वरोजगार हेतु 10 हजार रुपये का ऋ ण मिला है। नितेश ने बताया कि आवेदन करने के 10 से 15 दिनों के अन्दर ही उनके खाते में ऋ ण की राशि आ गई थी। बिना किसी सिक्योरिटी के उन्हें यह लोन सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया। इन रुपयों की मदद से नितेश दोबारा पानीपुरी का ठेला पहले के जैसा संचालित करने में सक्षम हो सके।
इस आर्थिक सहायता के बलबूते नितेश का रोजगार फिर से पहले जैसा चलने लगा। अब नितेश को पानीपुरी बेचने से प्रतिदिन 400 से 500 रुपये का लाभ प्राप्त हो रहा है। अब नितेश ठेले के स्थान पर एक स्थाई दुकान डालना चाहते हैं। नितेश ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आमदनी का सहारा बन्द हो जाने की वजह से वे और उनका परिवार काफी परेशान चल रहे थे। यदि उन्हें 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से उक्त योजना के अन्तर्गत नहीं मिली होती तो वे बिना इस सहायता के आगे नहीं बढ़ पाते। इस योजना से उन्हें अपना व्यवसाय दोबारा खड़ा करने में बहुत सहायता मिली है। स्ट्रीट वेंडर्स के लिये निश्चित रूप से यह योजना अत्यन्त लाभदायक है, जिस वजह से समाज के गरीब तबके के लोगों में लॉकडाउन के पश्चात एक नई स्फूर्ति जागी है, जिससे उन्हें दोबारा अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने के लिये एक नई शुरूआत के तौर पर देखा जा सकता है।
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