उज्जैन। रामनगरी अयोध्या में करीब पांच सौ वर्ष बाद भगवान श्रीराम के मंदिर बनने की घड़ी आ गई है। मंदिर का भूमि पूजन तीन अगस्त से शुरू हो जाएगा। जिसको उत्तर के साथ दक्षिण भारत के पंडित भी कराएंगे।
उज्जैन के लिए बड़े ही हर्ष का विषय है कि महाकाल नगरी से भी महामंडलेश्वर आचार्य शेखर जी महाराज महाकाल की भस्म और मिट्टी लेकर जाएंगे।
अयोध्या में करीब पांच सौ वर्ष बाद बनने जा रहे मंदिर का भूमि पूजन तीन अगस्त से होगा। जिसमें काशी के विद्वान अनुष्ठान करेंगे। श्रीरामजन्म भूमि मंदिर के नींव पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच अगस्त को सिर्फ 32 सेकंड का समय दिया जाएगा। भगवान श्रीराम का जन्म अभिजीत मुहूर्त में हुआ था। इसी कारण नींव पूजन भी अभिजीत मुहूर्त में ही होगा। यह शुभ मुहूर्त ज्योतिष शास्त्र में उत्तर-दक्षिण के संगम से निकला है। इसी अभिजीत मुहूर्त में 500 साल की कोशिशों को साकार करने की शुरुआत होगी। उज्जैन से महामंडलेश्वर आचार्य शेखर जी महाराज महाकाल वन की मिट्टी और भस्मी ले जाएंगे।
उत्तर भारत में 5 अगस्त को भाद्रपद और दक्षिण भारत में श्रावण मास है। मुहूर्त का समय 5 अगस्त को मध्याह्न 12 बजकर 15 मिनट के आसपास है। इस मुहूर्त को काशी के प्रकांड विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है। अभिजीत मुहूर्त में नींव पूजन सुनिश्चित करने के लिए काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रो. राम नारायण द्विवेदी के साथ तीन आचार्य निगाह रखेंगे। पांच अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट 15 सेकंड के ठीक बाद के 32 सेकेंड अहम होंगे। इन्हीं 32 सेकेंड के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भीतर भव्य और दिव्य श्रीराम मंदिर की पहली ईंट रखेंगे। यह ईंट 35 से 40 किलोग्राम चांदी की होगी। यहां पर ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से राहु और केतु समेत अन्य दोष मिटाने के लिए चांदी की ईंट रखी जाएगी।
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