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उज्जैन : क्रिस्ट ज्योति स्कूल पर पालकों का प्रदर्शन, प्रिंसिपल बोली : शासन की गाइड लाइन और निर्देशों का करेंगे पालन

उज्जैन। कोरोना काल में सभी की हालात खस्ता है। हर क्षेत्र में मंदी का दौर चल रहा है। इधर स्कूलों को लेकर अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं बन पाई है। वहीं निजी स्कूलों ने ऑन लाइन पढ़ाई शुरू करवा कर फीस मांगी जा रही है। पालक परेशान है कि इधर मंदी का दौर और इधर स्कूल की फीस की डिमांड।

आज उज्जैन स्थित क्रिस्ट ज्योति स्कूल के प्रबंधन द्वारा अपने यहां पढ़ रहे विद्यार्थियों के पेरेंटस को फीस जमा करने के लिये व्हाट्सएप पर पूरे साल का बिल भेजा दिया गया। फीस का बड़ा अमाउंट देखकर पालकों में विरोध शुरू हो गया। उनका कहना था कि ऑनलाइन पढ़ाई व्यवस्था फैल है और बच्चे स्कूल आये नहीं तो फीस किस बात की दें। इधर पालकों का कहना है कि अधिकतर घरों में हालात दयनीय है। धंधे ठीक से चल नहीं रहे हैं और स्कूल जब बच्चे पहुंच ही नहीं रहे हैं तो ऐसे में फीस क्यों दी जाये।

उल्लेखनीय है कि जून माह में ही अधिकतर प्रायवेट स्कूलों में बच्चों की फीस एक मुश्त अथवा दो से तीन किश्तों में ली जाती है। इस वर्ष कोरोना के कहर के कारण मार्च में लॉकडाउन लग गया था। अब चूंकि जुलाई माह बीतने को है लेकिन प्रदेश के स्कूल, कॉलेज अब भी बंद हैं। ऐसे में निजी स्कूल संचालकों ने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिये ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है। कुछ बच्चों ने घर पर अपने परिजनों के मोबाइल से पढ़ाई भी की, लेकिन अधिकांश बच्चे इस व्यवस्था से जुड़ नहीं पाये और वह पीछे भी रह गये। 

मोबाइल पर भेजा फीस का स्टीमेट

क्रिस्ट ज्योति स्कूल संचालकों ने जुलाई के 15 दिन बीतने के बाद वर्ष भर की फीस का स्टीमेट बनाकर बच्चों के परिजनों के मोबाइल पर भेज दिया। इस स्टीमेट में जिन महीनों में स्कूल नहीं लगे, बच्चे स्कूल नहीं आये उनकी फीस भी जुड़ी थी जिसको लेकर बच्चों के पालकों में असंतोष था। आज बुधवार को स्कूल पर करीब दो सौ से अधिक पालक क्रिस्ट ज्योति स्कूल में विरोध करने पहुंचे थे।

नहीं निकला समस्या का हल

क्रिस्ट ज्योति स्कूल के बाहर खड़े परिजनों का आरोप था कि स्कूल प्रबंधन मनमानी कर रहा है। इधर स्कूल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस भी वहां पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने स्कूल के बाहर एकत्रित पालकों को कोरोना नियमों का पालन करने और स्कूल प्रशासन से मीटिंग कर समस्या का निराकरण करने की बात कही। पालकों की ओर से करीब आधा दर्जन लोग स्कूल प्रिंसीपल सिस्टर मर्लिन के पास पहुंचे लेकिन आधा घंटे चली चर्चा में कोई हल नहीं निकल सका।

पालकों की यह है मांग

क्रिस्ट ज्योति स्कूल की प्रिंसीपल सिस्टर मर्लिन से चर्चा करने पहुंचे पालकों के प्रतिनिधि मंडल में मुकेश शर्मा, विकास दुबे, जयश्री पाटे, शैलेष शर्मा आदि शामिल थे। उन्होंने बताया कि प्रिंसिपल द्वारा फीस न लेने का आश्वासन नहीं दिया गया है। उनके द्वारा बार-बार शासन के नियमों का पालन करने की बात कही जा रही है, जबकि दूसरे प्रदेशों में लॉकडाउन के दौरान स्कूल शुरू न होने की स्थिति में पालकों से फीस नहीं लिये जाने के आदेश हो चुके हैं। ऐसे में क्रिस्ट ज्योति स्कूल प्रबंधन को फीस माफ करने में क्या परेशानी आ रही है।

टार्चर नहीं करेंगे- प्रिंसीपल

मीटिंग के बाद स्कूल प्रिंसीपल सिस्टर मर्लिन स्कूल के बाहर प्रदर्शन कर रहे बच्चों के पालकों के सामने भी आईं और उन्होंने कहा कि जिन लोगों को फीस देने में समस्या है एक-एक कर मेरे ऑफिस में आकर चर्चा करें, सबकी समस्या का समाधान किया जाएगा। स्कूल खुलने के बाद जब बच्चे कक्षाओं में आएंगे तो उन्हें फीस की मांग को लेकर टार्चर भी नहीं किया जाएगा।

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