उज्जैन। धर्म नगरी उज्जयिनी के श्री महाकालेश्वर मंदिर अब तिरूपति बालाजी, सोमनाथ एवं शिर्डी के सांई मंदिर के जैसा स्वर्ण मंडित होने जा रहा है। महाकालेश्वर मंदिर के शिखर पर करीब ढाई सौ किलो सोने को मढऩे का कार्य जल्द ही शुरू हो सकता है। इसके साथ ही गर्भ ग्रह में भी सोने की नक्काशी की जाएगी। इस कार्य की तैयारियां शुरू हो गई है। कलेक्टर की अंतिम मोहर लगते ही कार्य शीाघ्र शुरू होने की संभावना है। इसके लिए दो बड़ेे कारोबारियों ने हामी भी भरी है। इस पूरे कार्य को पूर्ण होने में करीब 8 वर्ष का समय लगेगा।
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर भी अब स्वर्ण मंदिर की तरह दमकेगा। इसके शिखर और गर्भग्रह पर सोना मढ़ा जा रहा है। मंदिर के पुजारी रमन त्रिवेदी के अनुसार उज्जैन के व्यापारी और मुंबई के एक हीरा व्यापारी ने महाकाल मंदिर के शिखर और गर्भगृह को सोने से मढऩे का बीड़ा उठाया है। मुंबई के व्यापारी ने इससे पहले भी सोमनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर में इसी तरह से सोने का दान किया था। अब व्यापारी की मंशा है कि उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर भी स्वर्ण जडि़त हो जाए। इसके लिए रूपरेखा बना ली गई है। मंदिर में कारीगरों को भेजकर एस्टीमेट भी तैयार करा लिया गया है। इसमें बताया गया है कि इस पूरे काम में करीब 250 किलो सोना लग सकता है। इसमें से 200 किलो शिखर पर और 50 किलो गर्भगृह में लगाया जाएगा। उज्जैन के स्वर्ण शिखर आरोहण संकल्प समिति ने व्यापारियों से बात करने के बाद अब महाकाल मंदिर समिति को यह प्रस्ताव जल्दी भेजने की बात कही है। उसके बाद उज्जैन कलेक्टर की ओर से अंतिम मुहर लगते ही शिखरों पर सोना लगाने का काम शुरू हो जाएगा। महाकाल मंदिर का शिखर और गर्भगृह को सोने से मढऩे का काम शुरू होगा, जिसे पूरा होने में 8 साल लग सकते हैं। 2028 से पहले महाकाल मंदिर का शिखर और गर्भ ग्रह करीब 250 किलो सोने से मढ़ा जाएगा।
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