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श्रावण मास की प्रथम सवारी 6 जुलाई को : प्रशासनिक अधिकारियों ने किया सवारी मार्ग का निरीक्षण, मातहतों को दिये आवश्यक निर्देश

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी श्री महाकालेश्वर भगवान की प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी श्रावण-भादौ मास में सवारियां निकाली जायेंगी। सवारी परम्परा अनुसार निकलेगी। इस वर्ष वैश्विक कोरोना महामारी के मद्देनजर भगवान महाकाल की सवारी मार्ग में परिवर्तन किया गया है। श्रावण मास की प्रथम सवारी 6 जुलाई को विधिवत मन्दिर के सभा मण्डप में पूजन-अर्चन करने के बाद निर्धारित समय सायं 4 बजे निकाली जायेगी। प्रशासनिक अधिकारियों ने सवारी मार्ग की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। महाकाल मन्दिर में अपर कलेक्टर अवि प्रसाद तथा अपर कलेक्टर एवं मन्दिर प्रबंध समिति के प्रशासक एसएस रावत आदि उपस्थित थे।
श्रावण मास की प्रथम सवारी 6 जुलाई को परिवर्तित मार्ग से निकाली जायेगी। सवारी मन्दिर में पूजन-अर्चन के बाद महाकाल मन्दिर से बड़ा गणेश मन्दिर के सामने से होते हुए हरसिद्धि चौराहा से नृसिंह घाट मार्ग से सिद्धाश्रम के सामने से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। श्री महाकालेश्वर भगवान का शिप्रा के जल से अभिषेक व पूजन-अर्चन किया जायेगा। पूजन-अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से पुन: रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल से हरसिद्धि मन्दिर के सामने से होते हुए महाकाल मन्दिर पहुंचेगी। सवारी मार्ग का अपर कलेक्टर एवं प्रशासक ने मन्दिर के अधिकारियों के साथ सवारी मार्ग का निरीक्षण किया और सम्बन्धितों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। प्रशासक एसएस रावत ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि सवारी मार्ग में सामान बेचने वाले ठेले, विद्युत तार, केबल आदि को व्यवस्थित किया जाये। निरीक्षण के दौरान महाकाल मन्दिर प्रबंध समिति के उप प्रशासक मूलचन्द जूनवाल, सहायक प्रशासक प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम के अधिकारी आदि उपस्थित थे।
श्रावण मास की द्वितीय सवारी सोमवार 13 जुलाई, तृतीय सवारी सोमवार 20 जुलाई, चतुर्थ सवारी सोमवार 27 जुलाई, पांचवी सवारी सोमवार 3 अगस्त तथा भादौ मास में छठी सवारी सोमवार 10 अगस्त एवं प्रमुख शाही सवारी सोमवार 17 अगस्त को भगवान महाकाल की सवारी निकाली जायेगी। भगवान महाकाल के पूजन पश्चात महाकाल मन्दिर से निर्धारित समय 4 बजे सभा मण्डप से सवारी निकलेगी, जहां मन्दिर के मुख्य द्वार पर पुलिस जवानों के द्वारा भगवान महाकाल की पालकी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा। इस दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जायेगा। कानून व्यवस्था हेतु आवश्यक पुलिस बल एवं अन्य व्यवस्थाओं के संचालन हेतु अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहेंगे। सवारी के क्रम में उद्घोषक वाहन, तोपची, भगवान महाकाल का ध्वज, घुड़सवारी, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैण्ड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाड़ूवाहक, अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले कर्मचारी सीमित संख्या में रहेंगे।

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