उज्जैन। अवंतिका उद्योग कल्याण संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि पूरे मध्यप्रदेश में सूक्ष्म लघु व मध्यम उद्योग लगभग 6000 के करीब है प्रदेश का 20 प्रतिशत रोजगार लघु व मध्यम उद्योग देता है। पूरे देश में कोरोना महामारी से उद्योगपति परेशान हैं। अपना उद्योग चलाने की स्थिति में नहीं है। संघ ने बिजली के बिल का फिक्स चार्ज माफ करने के लिए मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पत्र लिखा। परंतु आज तक सरकार ने फिक्स चार्ज माफ नहीं किया, जबकि दूसरे प्रदेशों की सरकारों ने फिक्स चार्ज माफ किया है। आज इस संकट के समय राज्य शासन को मदद करना चाहिए। इस कोरोना महामारी कॉल में जब हम अपने उद्योग से खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं शासन मेंटेनेंस चार्ज लगभग 33 प्रतिशत एकेवीएन ने बढ़ा दिया है। जबकि राज्य सरकार मेंटेनेंस के नाम पर लघु व मध्यम उद्योगों को लूटने में लगी हुई है। मध्य प्रदेश सरकार लघु मध्यम उद्योग पर मेंटेनेंस चार्ज बढ़ाकर उद्योगों पर आर्थिक बोझ बड़ा रही है। आज विरोध नहीं किया तो डी आई सी के भी मेंटेनेंस चार्ज डबल हो जाएंगे। अनुरोध है कोरोना महामारी काल में वैसे ही उद्योगों की हालत बहुत खराब है। वैसे भी उद्योग चालू नहीं हो पा रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार एमएसएमई को क्या संदेश देना चाहती है यह समझ से पर है। जबकि राज्य सरकार को दोनों हाथों से रियायत देना चाहिए साथियों हम सबको मिलकर इसका कड़ा विरोध करना चाहिए। सभी संगठन एक साथ होकर इसका विरोध करें सभी साथियों से अनुरोध है अपने-अपने फैक्ट्रियों के लेटर पैड पर मुख्यमंत्री लिखकर अपनी बात वजनदारी से बताएं और 33 प्रतिशत मेंटेनेंस बढ़ाना क्या वाजिब है उसे वापस ले। अवंतिका उद्योग कल्याण संघ हमेशा उद्योगपतियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहता है। सबके सहयोग से मेंटेनेंस चार्ज बढ़ा हुआ राज्य सरकार वापस ले। संघ के अध्यक्ष अशोक चौधरी, उपाध्यक्ष ओमप्रकाश मोहने, सुनील जाट, प्रदीप जैन, भीमसिंह नगीना, कृष्णा माहेश्वरी, मार्गदर्शक शहीद हाशमी, जयहिंद चावड़ा, बृजेश आहूजा, अरविंद सिकरवार, रजनीश जैन, दिनेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, प्रदीप अरोरा, गोपाल चारी, प्रशांत बजाज, आजम बैग, किशोर जैन, सुमित बडेरा, राजकुमार सैलानी, सुदामा राजानी, योगेश शर्मा, प्रवीण दवे, शैलेश मिश्रा, मोहम्मद हुसैन, अवंतिका उद्योग कल्याण संघ के सभी पद अधिकारी मेंटेनेंस चार्ज बड़ा उसका विरोध करते हैं।
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