उज्जैन। शास्त्रोक्त मान्यतानुसार ईश्वर द्वारा रचित इस सृष्टि में प्रत्येक जीव में ईश्वर को निहित माना जाता है। इनमें विशेष रूप से पौधों में भगवान का वास माना जाता है और ये पौधे हमारे प्राणवायु देने के साथ ही असाध्य रोगों के उपचार की औषधि भी प्रदान करती है। पेड़-पौधे एवं मनुष्य एक दूसरे के पूरक है। हमारा नैतिक दायित्व है कि हम वर्षाकाल में अधिकाधिक पौधे रोपकर, उनकी देखभाल कर हरितमा का वातावरण प्रकृति को ओढ़ाने का प्रयास करें।
संस्था गीता श्रीधर धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक सेवा संस्थान उज्जैन रजि. द्वारा श्री अभिराम आश्रम, जयसिंहपुरा उज्जैन पर 8 जुलाई को वन महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में संस्थान सचिव रूपेश काबरा ने उक्त विचार रखे। उपाध्यक्ष सचिन परिहार के अनुसार उपस्थितजनों ने तुलसी, गिलोय, नीम, अशोक, बड़, पीपल, बिल्वपत्र, अश्वगंधा, स्वर्णचम्पा आदि के पौधों का आश्रम के संस्थापक आशुतोषजी महाराज के आचार्यत्व में विधिवत मंत्रोच्चार के साथ कुमकुम, हल्दी, अक्षत आदि से पूजन कर तथा आरती कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उनका रोपण किया। साथ ही संस्थान पदाधिकारियों, सदस्यों को इनके संरक्षण का संकल्प भी दिलाया। कार्यक्रम में पदमसिंह पटेल, संतोष जैन, अभिषेक नागर, वरूण पण्ड्या, नागेश राठी, आकाश कुमावत, पीयूष काबरा, अंशुल शर्मा आदि उपस्थित रहे। संचालन लोकेश जैन ने आभार प्रकाश मालवीय ने माना।
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