उज्जैन। हाईकोर्ट के आदेश पर पिछले वर्ष जमींदोज हुई होटल शांति पैलेस मामले में जिम्मेदारों पर ईओडब्लयू में प्रकरण दर्ज हुआ है। ईओडब्ल्यू ने होटल संचालक चंद्रशेखर श्रीवास और कांग्रेस के एक बड़े नेता के साथ ही गृह निर्माण संस्थाओं के 2 पूर्व अध्यक्ष और 7 सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं में अपराध दर्ज किया है। यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देश के बाद हुई जांच के आधार पर की गई है।
आर्थिक अपराध शाखा ने मंगलवार को चंद्रशेखर श्रीवास निवासी सुदामा नगर, संपत्ति में भागीदार उनके परिवार की एक महिला, आदर्श विक्रम गृह निर्माण सोसायटी के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता योगेश पिता भगवती लाल शर्मा निवासी फव्वाराचौक, नमन गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष मनोज पिता बालकृष्ण बंसल निवासी ऋषिनगर, अंजली गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष नंदकिशोर पिता कृष्ण गोपाल शर्मा निवासी विवेकानंद कॉलोनी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इस प्रकरण में तत्कालीन पटवारी आदर्श जामगढ़े, टीएंडसीपी के तत्कालीन संयुक्त संचालक राजीव कुमार पांडेय, तत्कालीन एसडीएम आर.एस. मीणा, नगर निगम रतलाम के वर्तमान एक्जिक्यूटिव इंजीनियर और उज्जैन नगर निगम में पूर्व में पदस्थ रहे जी.के. जायसवाल, सब इंजीनियर श्याम सुंदर शर्मा, नगर निगम स्टोर विभाग के लिपिक भूपेंद्र वेगड़ और नगर निवेश विभाग के सुप्रीटेंडेट इंजीनियर रामबाबू शर्मा को भी आरोपी बनाया है। इन सभी आरोपियों ने तीन गृह निर्माण संस्थाओं की जमींन को आपसी सांठ-गांठ कर पहले आवासीय के रूप में डायवर्ट कराया और बाद में इसे कृषि उपयोग की बताकर होटल संचालक को बेच दिया। होटल संचालक चंद्रशेखर श्रीवास ने इस जमीन को नियमों के विपरीत जाकर होटल निर्माण की अनुमतियां प्राप्त की थी। पिछले साल हाइकोर्ट के निर्देश पर होटल शांति पैलेस को जमींदोज कर दिया गया है।
मामले पर एक नजर
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन में पंजीबद्ध प्राथमिक जांच कमांक 07/2020 का सत्यापन उप पुलिस अधीक्षक अजय कैथवास द्वारा किया गया। प्राथमिक जांच सत्यापन के दौरान एकत्र किये गये दस्तावेजो से यह प्रमाणित है कि संदेही चन्द्रशेखर श्रीवास एवं उसकी पत्नी सीमा श्रीवास द्वारा होटल शांति पैलेस के अवैध विस्तार तथा प्रचलित नियम कानून को दरकिनार करने हेतु रचे गये षडयंत्र को सफल बनाने के उद्देश्य से तीनों आवासीय संस्थाओ के अध्यक्षों द्वारा कुल 31 क्रेता/ विक्रेता के साथ सांठगाठ कर सर्वप्रथम नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध होने के बावजूद विकास अनुमति कमांक 309/04 दिनांक 15.03.2004 एवं विकास अनुमति कमांक 713 दिनांक 24.04.2007 असत्य आधारों एवं साक्ष्यो से छलपूर्वक एवं अधिकारियों से सांठगाठ कर प्राप्त की। वहीं नगर निगम उज्जैन के अधिकारियों से सांठगाठ कर निर्माण अनुज्ञा जावक क्रमांक 202 प्रकरण क्रमांक 93/2003/3 (3) दिनांक 13.03.2003 एवं जावक क्रमांक 1351 प्रकरण क्रमांक 720/2003/3 (3) दिनांक 02.04.2009 एवं जावक क्रमांक 311 प्रकरण क्रमांक 1039/201/3 (5) दिनांक 23.2.2013 को असत्य आधारों पर प्राप्त कर होटल का अवैध विस्तार किया। साथ ही राजस्व विभाग के तत्कालिन अधिकारियों से सांठगाठ कर आवासीय भूमि का डायर्वसन निरस्त कराकर आवासीय भूखण्डों को पडत की कृषि भूमि बताकर भूअधिकार एवं ऋण पुस्तिका प्राप्त कर ली। इसके बाद पुन: उसे क्रय कर होटल के अवैध विस्तार में उपयोग किया। होटल के चन्द्रशेखर श्रीवास द्वारा समस्त नियमों अधिनियमों एवं कानून को ताक में रखते हुये संबंधित विभाग के अधिकारियों से सांठगाठ कर जितनी भी अनुमतियां प्राप्त की थी उन सभी अनुमतियों को न्यायालय द्वारा अवैधानिक बताकर निरस्त कर दिया गया है। होटल शांति पैलेस से संबंधित राजस्व विभाग उज्जैन द्वारा पारित अन्य डायर्वसन आदेश, सहकारिता विभाग के अधिकारियों की भूमिका एवं संलिप्तता पाई जाने से नीचे वर्णित आरोपियों के विरूद्ध अपराध क्रमांक 09/2020 धारा 409, 420, 120-बी भादवि तथा भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम संशोधित 2018 की धारा 7 सी के तहत पंजीबद्ध किया गया है।
ये बने आरोपी
चंद्रशेखर श्रीवास, श्रीमती सीमा श्रीवास, योगेश शर्मा, मनोज बंसल, नंदकिशोर शर्मा, आदर्श जामगड़े, आर एस मीणा, गिरीराज कुमार जायसवाल, श्याम सुंदर शर्मा, भूपेन्द्र वेगड, राम बाबू शर्मा को आरोपी बनाया गया है।
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