उज्जैन। हम अपनी ही चीजों पर तब तक भरोसा नहीं करेंगे जब तक विदेश ठप्पा नहीं लगा दे, कुछ दिन पहले विदेश में पत्तियों से प्लेट बनाई, और कहा कि हमने इको फ्रेंडली प्लेट बनाई हद तो यह है कि विदेश की पत्तियों से बनी प्लेट पर भारत में तालियां बज रहीं, हमने यह नहीं देखा हम कब से पत्तलों में खा रहे। इसलिए अपनी चीजों को देखनी शुरू कीजिये, सबसे पहले शिक्षा आपके पास थी जब दुनिया में शिक्षा ठीक से शुरू नहीं हुई थी तब यहां साढ़े 7 लाख गुरूकुल थे। एक जगह है विदेश में जहां कई गायों को रखा है, आधे घंटे के हजारों रूपये लिये जा रहे हैं, गायों के साथ समय बिताने के लिए। क्योंकि स्ट्रेस दूर हो रहा, बीमारियां दूर हो रही, और हम यहां गायों के साथ क्या कर रहे।
देवास रोड़ स्थित हामूखेड़ी में बिजासन माता मंदिर रोड़ पर आर के ड्रीम्स में श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन आध्यात्मिक प्रवक्ता जया किशोरीजी ने यह बात कही। आयोजक राकेश अग्रवाल ने बताया कि कथा में जया किशोरीजी ने गोवर्धन पूजा, छप्पन भोग की कथा सुनाई। आपने कहा कि इस दुनिया में सब दुखी हैं, जिसकी शादी हो गई वो शादी से दुखी, जिसकी नहीं हुई वो इसलिए दुखी के शादी नहीं हो रही, जिसकी नौकरी उसे छुट्टी नहीं मिल रही जिसके पास काम नहीं उसे नौकरी चाहिये, इस दुनिया में जो है उससे कोई सुखी नहीं। भगवान ने प्रकृति अनुसार भेदभाव नहीं किया, सबको समान शक्ति दी, उसे जानना और उसका उपयोग करना आपके हाथ में है। राकेश अग्रवाल के अनुसार श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कृष्ण बाल लीला व गोवर्धन पूजा का प्रसंग सुनाया गया। जया किशोरी ने कहा कि श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाकर संदेश दिया कि देवता हो या फिर इंसान किसी को अभिमान नहीं करना चाहिए। कथा व्यास जया किशोरी ने भजन सुनाकर श्रोताओं को भक्ति सागर में डुबोया। उन्होंने कन्हैया की माखन चोरी की लीला का वर्णन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि जब श्रीकृष्ण भगवान पहली बार घर से बाहर निकले तो उनकी बृज से बाहर मित्र मंडली बन गई। सभी मित्र मिलकर रोजाना माखन चोरी करने जाते थे। सब बैठकर पहले योजना बनाते कि किस गोपी के घर माखन की चोरी करनी है। श्रीकृष्ण माखन लेकर बाहर आ जाते और सभी मित्रों के साथ बांटकर खाते थे। भगवान बोले जिसके यहां चोरी की हो, उसके द्वार पर बैठकर माखन खाने में आनंद आता है। माखन चोरी की लीला का बखान करते हुए उन्होंने भगवान कृष्ण के बाल रूप का सुंदर प्रकार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर रखा। गोप-गोपिकाएं उसकी छाया में सुखपूर्वक रहें। भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। जया किशोरी के मुख से कथा सुनकर सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। राकेश अग्रवाल ने बताया कि आरके ड्रीम्स में 7 दिनों तक चलने वाली श्रीमद् भागवत कथा 25 नवंबर तक चलेगी। आज 24 नवंबर को कृष्ण-रूक्मणी विवाह होगा। प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक कथा में हजारों भक्त एक साथ कथा का रसपान कर रहे हैं। आयोजक राकेश मनीषा अग्रवाल ने उज्जैन शहर की धर्मप्राण जनता से प्रतिदिन कथा का लाभ लेने का अनुरोध किया है।
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