उज्जैन। विकास प्राधिकरण में कर्मचारी कोटे की आड़ में हुई भूखंड आवंटन गड़बड़ी को लेकर लोकायुक्त पुलिस ने तत्कालीन प्राधिकरण सीईओ सोजान सिंह रावत, उनके ससुर महावीर सिंह सहित प्राधिकरण के 9 अधिकारी एवं कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज की है। पूरे मामले में शिकायतकर्ता डॉ. राहुल कटारिया द्वारा कि गई मय प्रमाण शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने रावत उनके ससुर समेत जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों को आरोपी बनाया है। शिकायतकर्ता डॉ राहुल कटारिया ने मार्च 2023 में लोकायुक्त में सप्रमाण शिकायत की थी। शिकायत में बताया गया था की वर्ष 2021 में उज्जैन विकास प्राधिकरण में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनीष यादव को एचआईजी श्रेणी का 216 वर्ग मीटर का भूखंड ए 16 /7 त्रिवेणी विहार में नियम विरुद्ध आवंटित किया था। शिकायतकर्ता ने यह भी उल्लेख किया था की इससे प्राधिकरण को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। यह आवंटन एक ऐसे कर्मचारी को किया गया जो केवल 12 हजार रुपये मासिक वेतन प्राप्त करता था। यही नहीं 30 लाख रुपये मूल्य का भूखंड कर्मचारी कोटे में 25 लाख में खऱीदे जाने और अन्य बिंदुओं पर हुई शिकायत की जाँच में यह साबित हुआ की इस भूखंड आवंटन में गड़बड़ी हुई है। इसमें भूखंड क्रय करने के दौरान बोली लगाने की इएमडी सहित समस्त राशि का भुगतान महावीर यादव के द्वारा किया गया। महावीर यादव तत्कालीन प्राधिकरण सीईओ सोजान सिंह रावत के ससुर है। इसके साथ ही यूडीए की तत्कालीन गठित समिति एवं भुगतान की जाँच करने वाले अधिकारीयों / कर्मचारियों ने भी यूडीए के तत्कालीन सीईओ सोजान सिंह के दबाव प्रभाव मे आकर नियम विरुद्ध आवंटन किया। बताया जा रहा है की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनीष यादव को जो प्लाट आवंटित किया गया था इस आवास की पात्रता राजपत्रित अधिकारियों को ही है।
ऐसे की गड़बड़ी
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मनीष यादव को एचआईजी श्रेणी का जो 216 वर्ग मीटर का भूखंड ए 16 /7 त्रिवेणी विहार आवंटित किया गया था उसके लिए कार्यपालन यंत्री के सी पाटीदार ने भी निविदा डाली थी। परन्तु उन्हें शिप्रा विहार के भूखंड सी - 12 /9 के लिए आवेदन कराया गया। यही नहीं भूखंड क्रमांक ए 16 /7 त्रिवेणी विहार हेतु तैयार शपथ पत्र में कांटछांट कर उसी को सी 12/9 क्षिप्रा विहार के आवेदन में संलग्र किया गया। भूखंड ए 16 /7 त्रिवेणी विहार की केसी पाटीदार की निविदा प्राधिकरण कर्मचारी का प्रमाण पत्र न लगाने का कारण बताकर निरस्त की गई वहीं सी 12/9 की निविदा में गलत शपथ पत्र व फार्मेट का कर्मचारी प्रमाण पत्र लगाने पर भी निविदा वैध मान ली गई और नियम विरूद्ध आवंटन केसी पाटीदार के नाम पर कर दिया गया। केसी पाटीदार कर्मचारी कोटे के आवंटित आवास क्रमांक सी-46/6 सीनियर एमआईजी ऋषिनगर को वर्ष 2003 में ही अन्य कर्मचारी से अलबेलसिंह से क्रय कर चुके थे। जिसे वर्ष 2019 में उसे लीज डीड से फ्रीहोल्ड करा लिया था। नियमानुसार पाटीदार कर्मचारी कोटे की दूसरी प्रापर्टी खरीदने के पात्र नहीं थे। यही नहीं यूडीए सीईओ सोजानसिंह रावत व उनके ससुर महावीर यादव ने मिलकर मनीष यादव के नाम से बेनामी संपत्ति नियम विरूद्ध आवंटन जारी कर क्रय किया गया।
इनको बनाया आरोपी
यूडीए सीईओ सोजान सिंह रावत पर पद के दुरुपयोग एवं बेनामी संपत्ति खरीदवाने सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। इनके साथ ही मनीष यादव, महावीर यादव गैर कर्मचारी निवासी गुना, केसी पाटीदार कार्यपालन यंत्री यूडीए, विनोद सिंघई तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, नितिन यादव तत्कालीन योजना प्रभारी त्रिवेणी विहार, मुकेश सोलंकी समिति सदस्य व योजना प्रभारी, जयदीप शर्मा तात्कालिन संपदा अधिकारी, सौरभ कुमार दोहरे तत्कालिन सहायक संपरीक्षक एवं अन्य के विरूद्ध अपराध क्रमांक 221/2023 धारा 7, 13 (1), 13 (2), भ्र.नि.अधि. 1988 व 409, 420, 120 बी भादवि दर्ज कर विवेचना में लिया है।
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