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एमआईटी ग्रुप संचालित करने वाले वशिष्ठ परिवार में विवाद : एमपी वशिष्ठ बोले मेरे बड़े बेटे पप्पू ने मुझे तथा परिवार के अन्य सदस्यों को एमआईटी के संचालक मंडल से बाहर किया एवं करोड़ों रूपये के घोटाले का भी लगाया आरोप

उज्जैन 8  जनवरी।  जाने माने एवं एमआईटी ग्रुप संचालित करने वाले परिवार में विवाद की स्थिति पैदा हो गई है। इस बात की जानकारी खुद पूर्व विधायक महावीर प्रसाद वशिष्ठ ने मिडिया को दी है। महावीर प्रसाद  वशिष्ठ ने बताया की एमआईटी ग्रुप के एम्पायर की भागीदारी में विभाजन कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने अपने पुत्र प्रवीण वशिष्ठ ‘पप्पू’ पर संस्था में करीब ढाई सौ करोड़ रूपये की अनियमितता करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। 

मीडिया से चर्चा में महावीर प्रसाद वशिष्ठ ने बताया कि उनके द्वारा स्थापित संस्था प्रसार शिक्षण एवं सेवा संस्थान के अधीन संचालित एमआईटी ग्रुप उज्जैन का व्यावसायिक तौर पर विभाजन कर दिया हैं। करीब दो दशक पहले प्रसार शिक्षण एवं सेवा संस्थान के माध्यम एमआईटी ग्रुप महाकाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंजीनियरिंग कॉलेज) की स्थापना  की गई थी। एमआईटी उज्जैन का उद्घाटन 26 जुलाई 2001 को दिग्विजय सिंह ने किया था। प्रसार शिक्षण एवं सेवा संस्थान समिति में मैंने कोई पद इसलिए नहीं लिया,क्योंकि मैं चाहता था कि मेरे पुत्र प्रवीण वशिष्ठ ‘पप्पू’,राजेंद्र वशिष्ठ ‘राजू’ और आलोक वशिष्ठ प्रगति करें, उन्नति करें, आगे बढ़े। महाकाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के बाद फॉर्मेसी,एमबीए,कॉलेज प्रारंभ किया। इसी के साथ ही आलोक इंटरनेशनल स्कूल भी शुरू किया गया। इस बीच प्रवीण का आचार, विचार, व्यवहार कुल मिलाकर आचरण खराब हो गया। एमपी वशिष्ठ ने आरोप लगाया कि पप्पू एमआईटी ग्रुप की पूंजी का मनमाना उपयोग करते रहे। इसकी जानकारी लगी तो मैंने आपत्ति ली। संस्थान के आय-व्यय का ऑडिट कराने पर सामने आया कि प्रवीण ने बीते 10 वर्षों में संस्था की पूंजी का मनमाना खर्च किया हैं जो की करीब 250 करोड़ रु. हैं। इसके साथ ही प्रवीण का चरित्र और आचरण भी ठीक नहीं होने से वशिष्ठ परिवार और एमआईटी प्रतिष्ठान की छवि धुमिल हो रही है। मैंने अपने परिवार के सदस्यों से विचार कर एमआईटी की हिस्सेदारी के बंटवारे का निर्णय लिया। एमपी वशिष्ठ ने बताया कि अभिभाषक से सलाह के बाद विधि अनुसार बंटवारा कर दिया हैं। प्रवीण वशिष्ठ को महाकाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंजीनियरिंग कॉलेज), राजेंद्र वशिष्ठ को फॉर्मेसी कॉलेज, प्रवाह पेट्रोल पम्प और आलोक वशिष्ठ को स्कूल, एमबीए कॉलेज दिया हैं। बंटवारे में सबसे अच्छा संस्थान प्रवीण को दिया है, फिर भी वह असंतुष्ट है। प्रवीण मामले को और उन्हें कोर्ट में ले जाने की बात कह रहा हैं। महावीर प्रसाद वशिष्ठ ने कहा मुझे जो करना था, कर दिया। वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार, संबंधित अधिकारियों से मांग की हैं कि इस मामले वह जांच और कार्रवाई करें।

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