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करणी सैनिकों का मध्यप्रदेश में महाआंदोलन : टीम जीवन सिंह शेरपुर के नेतृत्व में जंबूरी मैदान भरा, चुनावी मैदान में उतरने की बात आई सामने, जानिए क्या है इनकी 21 सूत्रीय मांग

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अपनी 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करनी सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। शिवराज सिंह द्वारा किया गया क्षत्रीय समागम भी इस महाआंदोलन को रोकने में सफल नहीं हो सका। आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग, जातिगत आरक्षण की पुन: समीक्षा और एट्रोसिटी एक्ट के विरोध सहित 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आज रविवार को भेल जंबूरी मैदान पर राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा महाआंदोलन आयोजित किया गया है। जंबूरी मैदान में मध्यप्रदेश के अलावा हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ता पहुंचे हैं। मैदान पर 3 लाख से ज्यादा राजपूतों के एकत्रित होने का दावा किया गया है। अब जीवन सिंह शेरपुर टीम के चुनावी मैदान में उतरने के कयास लगाए जा रहे है।

मैदान में युवा और करणी सेना के लोग ‘माई के लाल’ के नारे लगा रहे हैं। आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे। इस जनआंदोलन में ब्राह्नाण पाटीदार समेत अन्य समाज का भी समर्थन मिला है। इस महाआंदोलन के कारण भेल के आस-पास की सड़कों पर जाम लग गया, भेल महात्मा गांधी चौराहे से अवधपुरी, आनंद नगर तक भीड़ जमा है, बढ़ती भीड़ को देखकर ट्रैफिक पुलिस ने जंबूरी मैदान की ओर जाने वाले रास्‍तों पर ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया। 

करणी सेना प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने ऐलान किया है कि यदि मांगे नहीं मानी तो राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे। चुनावी मैदान में करणी सेना उतरेगी। हमारे साथ सवर्णों, पिछड़ा वर्ग भी है,व्यवस्था सुधार के लिए आंदोलन कर रहे है। मांगे नहीं मानी तो राजनीति में उतरकर तख्तापलट करेंगे । 21 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है लेकिन ज्यादा दिनों तक अनिश्चितकालीन आंदोलन नहीं करेंगे। सरकार के पास समय भी कम है, ऐसे में जल्द से जल्द मांगी पूरी की जाए। करनी सैनिकों का आरोप है की आंदोलन को रोकने के लिए सरकार ने तमाम प्रयास किए। आयोजन की अनुमति बड़ी मुश्किल से मिली। कई जिलों में बसों के परमिट नहीं दिए जा रहे हैं, इसलिए जिला स्तर पर भी आंदोलन करना पड़ रहा है।

यह है प्रमुख मांगे

1. जाति के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था को बंद करके आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू किया जाए। 
2. एससी एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी पर रोक लगाई जाए। 
3. एससी एसटी एक्ट की तरह सामान्य पिछड़ा एक्ट बनाया जाए जो सामान्य एवं पिछड़ा वर्ग के नागरिकों पर एससी एसटी द्वारा किए जाने वाले अत्याचार से रक्षा करें। 
4. EWS आरक्षण में भूमि एवं मकान की बाध्यता को समाप्त कर 8 लाख रुपए वार्षिक आय निर्धारित की जाए। 
5. वर्तमान में प्रक्रियाधीन शिक्षक भर्ती वर्ष 2018 में प्रथम काउंसलिंग के पश्चात् शेष बचे हुए EWS वर्ग के समस्त पदों को द्वितीय काउंसलिंग या शिक्षा विभाग की वर्तमान नियोजन प्रक्रिया में समस्त पदों के साथ EWS वर्ग के पात्र अभ्यर्थियों से भरा जावे। EWS के रिक्त पदों को इसी वर्ग से भरा जावे। 
6. प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ग 3 के पदों में 51000 पदों पर न्यायसंगत रोस्टर के साथ भर्ती की जावे व माध्यमिक शिक्षक वर्ग 2 के वंचित विषयों जसे मातृभाषा हिन्दी, सा. विज्ञान, विज्ञान के विषय में पदों में वृद्धि की जावे। 7. भर्ती कानून बनाए जाए (प्रत्येक वर्ष नियमित भर्ती निकाल जाए) व्यापम के 1 लाख पदों एसआई, पटवारी, अन्य विभागों में शीघ्र भर्ती की जाए एवं भर्ती नहीं होने पर बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाए।
8. एमपीपीएससी की 2019, 20, 21 की भर्तियाँ संवैधानिक रूप से पूर्ण करो व ओबीसी आरक्षण मुद्दा हल करो।
9. केन्द्र और राज्य की आने वाले सभी भर्तियों में सभी वर्गों को 3 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जावे। राज्य सरकार द्वारा दी गई 3 वर्ष की छूट की समयावधि 1 वर्ष से बढ़ाकर 2 वर्ष की जावे। 
10. अतिथि शिक्षकों, रोजगार सहायकों व कोरोना काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित नियुक्ति प्रदान की जाये। 
11. किसानों के हित में स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों का लागू किया जावे ताकि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सके व रासायनिक खादों की बढ़ती कीमत पर अंकुश लगाया जावे। रोजड़ा (घोड़ा रोज) से प्रदेश के कई क्षेत्रों के किसान परेशान है इसमें निजात दिलाने के लिये उचित कार्य योजना बनायी जावे। 
12. खाद्यान्न (रोजमर्रा की चीजें ) को GST से मुक्त किया जावे तथा बढ़ती महंगाई पर लगाम लगायी जावे। 
13 क्षत्रिय महापुरुषों के इतिहास में छेड़छाड़ को तुरन्त रोका जावे, इतिहास संरक्षण समिति बने ताकि समाज में आपसी सामंजस्य बना रहे। 
14. सवर्ण आयोग की कार्यप्रणाली में सुधारकर उसे क्रियाशील बनाया जावे। 
15. राज्य कर्मचारी आयोग की सिफारिश जिसमें कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु 65 वर्ष करने को कहा गया है, किसी भी परिस्थिति में अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु नहीं बढाई जावे।
16. गौमाता को राष्ट्र माता का दर्जा दिया जावे व सरकार गौशालाओं के स्तर में सुधार करें एवं गोवर व गौमूत्र को सरकारी स्तर पर खरीदने की व्यवस्था करें ताकि गौ पालन से रोजगार के अवसर भी बढ़े। 
17. पद्मावत फिल्म के विरोध में दर्ज प्रकरण वापस लिये जावे। 
18. म.प्र. की भर्तियों में यहाँ के युवाओं को प्राथमिकता दी जावे अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का कोटा सीमित हो । 
19. कर्मचारियों को दी जा रही पदोन्नति के साथ उन्हें उसके साथ अधिकार व सुविधा भी दी जावे। कर्मचारियों की पेंशन पुनः चालू की जावे।
20. पुलिस विभाग में आरक्षकों की वेतन विसंगति को दूर कर 2400 ग्रेड पे लागू की जावे । 
21. सरकारी स्कूलों की कार्यप्रणाली में सुधार कर शिक्षा का स्तर प्रायवेट स्कूलों की भाँति किया जाय ताकि छात्र प्रायवेट स्कूलों की तरफ ना भागे व प्रायवेट स्कूलों की फीस पर नियंत्रण रखने हेतु एक कमेटी बनाई जावे। 

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