उज्जैन। सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का उचित मंच है। यह विचार सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की सहकारी शिक्षा क्षेत्रीय परियोजना द्वारा आयोजित सोशल मीडिया जागरूकता अभियान कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के समक्ष व्यक्त किए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता सुदर्शन शुशुलकर, कंप्यूटर विभाग माधव विज्ञान महाविद्यालय उज्जैन, अध्यक्षता चन्द्रशेखर बैरागी प्रभारी परियोजना अधिकारी उज्जैन रहे। संयोजन एवं संचालन प्रेम सिंह झाला सहकारी शिक्षा प्रेरक ने किया। चन्द्रशेखर बैरागी ने महिला स्वयं समूह के सदस्यों और पदाधिकारियों को सहकारिता के माध्यम से महिला शिक्षण प्रशिक्षण की जानकारी दी। साथ ही सोशल मीडिया वर्तमान समय में स्वयं सहायता समूह की किस प्रकार मदद कर सकता है क्या संभावना हो सकती है सदस्यों को बतलाया।
मुख्य अतिथि एवं वक्ता सुदर्शन शुशुलकर ने कहा कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्राचीन काल से ही मानव समाज में निहित है। पहले सूचना का आदान-प्रदान लाउडस्पीकर, टीवी, डाक, टेलीग्राम, टेलीफोन इत्यादि से होता है। अब इनका परिष्कृत रूप कंप्यूटर, एंड्राइड फोन, कीपैड फोन, लेपटोप आदि है। सूचना का आदान प्रदान तीव्रगति से करने के लिए अब फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल, व्हाट्सएप, ट्विटर, कू, यूट्यूब कई प्रकार के सूचना को प्रसारित करने के लिए साधन उपलब्ध है।
इन साधनों का उपयोग हम अपने कार्य क्षेत्र एवं जीवन को समृद्ध बनाने के लिए कर सकते हैं। सोशल मीडिया जागरूकता अभियान के अंतर्गत हम सोशल मीडिया पर पोस्ट कैसे डाली जाय, लाइक, कॉमेंट्स एवं सब्स्क्राइब करने का क्या महत्व है, यूट्यूब पर चैनल बना कर वीडिओ अपलोड करना, फेसबुक पर पेज बनाना और इन के माध्यम से अपने बनाया उत्पाद की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग करना आसान हो जाता है, इसलिए इसे समझने की आवश्यकता है। शैलेंद्र सिंह चौहान ने वर्तमान में सोशल मीडिया की भागीदारी पर प्रकाश डाला। जगदीश नारायण सिंह ने अतिथि एवं प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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