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राम कथा पर उज्जैन में महाभारत : कुमार विश्वास ने मांगी माफ़ी - आयोजन में कुमार विश्वास ने मंत्री और सांसद के सामने संघ को कहा था अनपढ़

उज्जैन आज तक, उज्जैन।

विक्रमोत्सव के अन्तर्गत उज्जैन में 21 से 23 फरवरी तक कुमार विश्वास द्वारा राम कथा के तहत प्रवचन दिए जाने थे। 21फरवरी को उन्होने अपने प्रवचन में जो कहा,उसे लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों से लेकर समग्र हिंदू समाज ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। माना जा  रहा है की कुमार विश्वास का 22 और 23 फरवरी का कार्यक्रम रद्द हो सकता है। मामले में कुमार विश्वास ने वीडियो भी जारी किया है। विक्रमोत्सव में आयोजित कार्यक्रम में कुमार विश्वास को लेकर अब आयोजक सीधी टिप्पणी करने से बच रहे हैं। 

बता दें की मंगलवार को राम कथा के दौरान कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक को अनपढ़ ओर कम्युनिस्टों को कुपढ़ कहा। इसका वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार सुबह से चारों ओर हलचल मच गई। हिंदूवादी संगठनों ने तीखा विरोध किया। हिंदू समाज ने देशभर में इस बात का विरोध करने का भी निर्णय लिया है। माना जा रहा है की कुमार विश्वास का 22 और 23 फरवरी का कार्यक्रम रद्द हो सकता है। मामले में कुमार विश्वास ने वीडियो भी जारी किया है। विक्रमोत्सव में आयोजित कार्यक्रम में कुमार विश्वास को लेकर अब आयोजक सीधी टिप्पणी करने से बच रहे हैं। जिस समय कुमार विश्वास बोल रहे थे इस दौरान मध्य प्रदेश के मंत्री मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन सहित महापौर मुकेश टटवाल भी मौजूद थे।

इधर कुमार विश्वास का वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने कहा- कथा करने आए हो कथा करो, प्रमाण पत्र मत बांटो। यही नहीं प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राजपाल सिसोदिया ने अपने ट्विटर पर कुमार विश्वास को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि तुम्हारा स्वागत करने आना पड़ेगा। कथा के लिए बुलाया गया, वह छोड़ बाकी सब करेंगे। अधूरे पढ़े-लिखे आप जैसे लोगों से तो हमारे कथित अनपढ़ कई गुना अच्छे हैं।

कुमार विश्वास ने मांगी माफ़ी 

कुमार विश्वास ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने बयान को लेकर सफाई दी। कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक के विषय में मैंने टिप्पणी की, जो संयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करता है, पढ़ता-लिखता कम है, बोलता ज्यादा है। तो मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो, तुम पढ़ते नहीं हो। वामपंथी कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़ हो। सिर्फ इतनी सी बात मैंने ये कही और इसे कुछ विघ्नसंतोषियों ने इसे ज्यादा फैला दिया। उन्होंने कहा, मैं उज्जैन के अपने सभी मित्रों से अनुरोध करता हूं कि आप सब वहां पहुंचें, और मैं जो बोल रहा हूं उसका अर्थ आप उस तरह से लगाएं जो मैं बोल रहा हूं। यदि आप किसी नए अर्थ में उसे समझेंगे तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं। तदोपरांत आपकी इस सामान्य बुद्धि में अगर ये प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें... क्षमा करें। मैं पुनः स्पष्ट करता हूं कि ये कथन मेरे कार्यालय में रहने वाले एक व्यक्ति के बारे में था, एक बालक के बारे में था और ऐसी बात तो मेरे पिता भी मुझसे कहते हैं बड़े मूर्ख हो तुम। जो स्वयं आप जानते ही हैं, सभी लोग जानते हैं कि संघ के बड़े पदाधिकारी हैं। मेरे भाई भी। ऐसी बातें सभी बोलते हैं, लेकिन मैंने उस लड़के से बोला क्योंकि वो आयु में बहुत छोटा बच्चा भी है, इसलिए बोल दिया और आपको अपना मानके मैंने वहां आपसे शेयर कर दिया।

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