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भाजपा पर अब भी अधिकारी हावी : मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ पर आखिर कब होगी कार्रवाई ?

उज्जैन। अनुशासन के नाम पर कार्यकर्ताओं की बलि चढ़ाने वाली भाजपा में इन दिनों अधिकारी हावी है। यही कारण रहा कि भाजयुमो नेताओं और कार्यकर्ताओ पर तो कार्यवाही हो गई, परंतु उस घटना के पीछे मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ भी जिम्मेदार हैं। क्या सत्ता धारी संगठन धाकड पर कार्रवाई करेगा?

उल्लेखनीय है कि 10 अगस्त बुधवार को भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या उज्जैन आये थे। उज्जैन आगमन के दौरान वे श्री महाकालेश्वर मंदिर दर्शन करने पहुंचे इस दौरान उनके साथ कई कार्यकर्ता भी शामिल थे। मंदिर में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या, प्रदेश अध्यक्ष वैभव पंवार के साथ कुछ कार्यकर्ता प्रवेश कर गये। लेकिन जो प्रवेश नहीं कर पाये उन्होंने हंगामा खड़ा कर दिया। यह हंगामा इतना चर्चाओ में आ गया कि भाजपा ने अनुशासनहीनता की कार्रवाई करते हुए नगर -जिला अध्यक्ष सहित 18 कार्यकर्ताओं को पद मुक्त कर दिया।

घटना में प्रशासन धाकड़ भी जिम्मेदार

सत्यता की बात करे तो इस मामले में मंदिर प्रशासन गणेश धाकड़ भी जिम्मेदार है। क्योंकि वहां प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर एक तहसीलदार, पुलिस फोर्स और निजी सुरक्षा गार्ड उपलब्ध करा रखे हैं। सत्ताधारी संगठन की इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आगमन पर जो सुरक्षा व्यवस्था होनी थी वह  उन्होंने नहीं की। यहां तक कि घटना के बाद वे खुद गायब हो गये और अपना मोबाइल तक बंद कर लिया था।
लिहाजा श्री महाकालेश्वर मंदिर में जो घटना घटी उसमें धाकड़ भी जिम्मेदार होने चाहिए।  अब देखना है कि सत्ताधारी संगठन अपने कार्यकर्ताओं की तो बलि चढ़ा चुका है लेकिन मंदिर प्रशासक धाकड़ पर क्या कार्रवाई करता है ?

हिटलर बन गया है धाकड़

प्रशासक बनने के बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर में धाकड़ ने हिटलर शाही रवैया अपनाया हुआ है। सावन माह के दौरान होने वाले 84 महादेव की यात्रा मे भी इन्होंने विघ्न डालने का प्रयास किया है। क्योंकि इस यात्रा के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर में 4 महादेव के मंदिर है, व्यवस्था के नाम पर श्रद्धालुओं को यहां पर प्रवेश नहीं दिया गया। इस कारण कई श्रद्धालुओं की चौरासी महादेव यात्रा भी अधूरी रह गई।

इन नेताओं के लिए कुछ ऐसी थी व्यवस्था

श्रावण मास के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद रखा गया। परंतु इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के अरविंद मेंनन, सुहास भगत, विधायक रमेश मेंदोला आदि कई नेताओं ने दर्शन किए। अब सवाल यह है की इन नेताओं को गर्भ गृह में प्रवेश कैसे दिया गया। विधायक रमेश मेंदोला के तो पिताजी भी प्रतिबंध के दौरान गर्भ गृह में दर्शन करते देखे गए हैं। 
अगले अंक में पढ़िए 40 लाख का बिल 5 किलोमीटर में 20 लाख रूपए का कैसे हुआ

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