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मध्य प्रदेश में अब एटीएस की बड़ी कार्यवाही : भोपाल-इंदौर-उज्जैन सहित कई जिलों में 22 हिरासत में, 25 जिलों में फैला मिला नेटवर्क, पांच जिलें बने हॉटस्पॉट

बीते दिनों हुई एनआईए की छापेमार कार्यवाही के बाद मध्य प्रदेश में पीएफआई के ठिकानों पर कनेक्शन की जांच के आदेश जारी हुए थे। छापे के बाद यह जानकारी सामने आई थी की मध्य प्रदेश के करीब 25 जिलों में पीएफआई का नेटवर्क फैला हुआ है। प्रदेश के पांच जिलों को पीएफआई का हॉटस्पॉट जिला बताया गया था। इसी आधार पर एटीएस ने बड़ी कार्यवाही की है।  

पूछताछ में पता लगा है की श्योपुर, बुरहानपुर, इंदौर, उज्जैन और खंडवा जिले पीएफआई के हॉटस्पॉट है। तेजी से इन जिलों में संगठन की गतिविधियां बढ़ रही थी। पीएफआई ने कई और नए जिलों में अपना कैडर खड़ा कर रहा था। वहीं छापे के दौरान सीसीटीवी कैमरों का डीवीआर सिस्टम भी जब्त किया गया है। पुलिस और एजेंसी कट्टरपंथी कनेक्शन की बारीकी से जांच में जुटी हुई है।

उल्लेखनीय है की एनआईए ने बीते दिनों मध्य प्रदेश में पीएफआई के देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के पक्के सबूत के बाद इंदौर और उज्जैन में रेड की कार्रवाई की गई थी। कार्रवाई में संगठन के प्रमुख अब्दुल करीम के साथ में मोहम्मद खालिद छीपा, जावेद, मोहम्मद जमील उज्जैन को गिरफ्तार किया था। जानकारी के अनुसार पीएफआई का गरीब लोगों और आदिवासी पर फोकस था। मॉर्निंग वॉक ग्रुप बनाकर युवाओं का ब्रेनवाश करते थे। साथ ही कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार कर युवाओं को देश के खिलाफ बरगलाने का काम कर रहे थे। इंदौर और उज्जैन से गिरफ्तार चार पीएफआई से पूछताछ की जा रही है। अबतक की पूछताछ में PFI सदस्यों ने कई खुलासे किए हैं। PFI के सदस्य देश विरोधी गतिविधियों के लिए युवाओं को उकसा रहे थे। ये सभी प्रदेश में स्लीपर सेल तैयार करे थे और आपत्तिजनक साहित्य बांटने और देश विरोधी गतिविधियों को लोगों को भड़का रहे थे। चारों आरोपियों पर UAPA एक्ट लगाया गया है। आईपीसी 21ए, 153ए, 120बी 13(1बी), 18 यूएपीए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई देश भर के 15 राज्य में PFI के 93 ठिकाने पर की गई थी, जहां 106 PFI से जुड़े आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।

सोमवार रात एमपी एटीएस की बड़ी कार्यवाही 

एनआईए के छपे में गिरफ्तार हुए पीएफआई सदस्यों ने पूछताछ में जो खुलासे किये हे उसके बाद मध्यप्रदेश एटीएस ने सोमवार रात भोपाल, उज्जैन, इंदौर समेत 8 जिलों में पीएफआई सदस्यों के ठिकानों पर रेड की है। एटीएस ने यह से करीब 22 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। एटीएस को इन संदिग्धों की जानकारी पूर्व में पकड़े गए 4 आरोपियों की पूछताछ में मिली थी। एंटी टेररिज्म स्क्वायड की कार्रवाई अभी जारी है। उज्जैन से पीएफआई के तीन सदस्यों को हिरासत में लेने की जानकारी मिली है। 

मुस्लिम कारोबारियों से मिल रहा चंदा 

पीएफआई के गिरफ्तार कार्यकर्ताओं से पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि इनके मंसूबे खतरनाक हैं और नेटवर्क पूरे देश में फैल चुका है। मध्यप्रदेश सहित ज्यादातर राज्यों में पीएफआई के सिमी से जुड़े होने के भी प्रमाण मिले। इसके बाद देशभर की इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों ने पीएफआई का पूरा नेटवर्क खंगालने की कवायद शुरू की। पूछताछ में यह भी जानकारी हाथ आई है की पीएफआई को खाड़ी देशों के अलावा देश के बड़े मुस्लिम कारोबारियों से भी चंदा मिल रहा है। इसके पहले ईडी ने खुलासा किया था की कि पीएफआई के हजारों सदस्य खाड़ी देशों में एक्टिव हैं, जो संगठन के लिए धन जुटाने का काम करते हैं। इन पैसों को अबू धाबी के एक रेस्तरां से मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए भारत भेजा जाता था। पीएफआई ने मनी लॉड्रिंग के जरिए पिछले साल 120 करोड़ रुपए जुटाए हैं। पीएफआई का दावा था कि ये पैसे देशभर में दान से जुटाए गए थे।  लेकिन यदि की जांच में पता चला कि संगठन ने फर्जी दान रसीद बनाकर भारत में मनी लॉड्रिंग से धन जुटाया और अधिकारियों को गुमराह किया। 

मिशन 2047, भारत को बनाना है इस्लामिक राष्ट्र 

पीएफआई सदस्यों से मिले साहित्य में लिखा है की वो हिन्दुस्तान की सत्ता हासिल करना चाहते हैं। यही नहीं 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। मिले साहित्य में केवल दस प्रतिशत मुस्लिमों को साथ देने की बात कही गई है इतने में ही कायरों को घुटनो पर लाया जा सकता है। इसके अलावा एक 4 लेयर का पूरा प्लान है। बिहार पुलिस ने 11 जुलाई को बिहार शरीफ में अतहर परवेज को गिरफ्तार किया, तो पता चला कि वह पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य रहा है। उसने वहीं किराए के मकान में कई राज्यों से आए लोगों को ट्रेनिंग भी दी है।

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