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टेरर फंडिंग के चलते एनआईए के 13 राज्यों में छापे 100 से अधिक गिरफ्तार, उज्जैन, इंदौर के भी शामिल

पंकज पांचाल
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उज्जैन/ आतंकवादियों की कमर तोड़ने के लिए आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA)और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तमिलनाडु, केरल समेत 13 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जिन राज्यों में एनआईए ने छापेमारी की है उनमें केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र शामिल हैं।   टेरर फंडिंग को लेकर कार्रवाई  पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की ट्रेनिंग गतिविधियों, टेरर फंडिंग और लोगों को संगठन से जोड़ने के खिलाफ ये अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

जानें किस राज्य से कितनी गिरफ्तारियां हुईं
NIA, ED और राज्य पुलिस की संयुक्त टीमों ने 11 राज्यों में अब तक कुल 106 PFI सदस्यों को गिरफ्तार किया है। जिसमें आंध्र प्रदेश-5, असम-9, दिल्ली-3, कर्नाटक-20, केरल-22, मध्यप्रदेश-4, महाराष्ट्र-20, पुडुचेरी-3, राजस्थान-2, तमिलनाडु-10 और यूपी से आठ  लोगों को गिरफ्तार किया गया।  
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने की छापेमार कार्रवाई की पुष्टि
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पीएफआई के ठिकानों पर एनआईए की छापेमार कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि देश भर के साथ मध्यप्रदेश में भी कार्रवाई की है। गृह मंत्री ने कहा कि पीएफआई पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने का विचार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में पीएफआई पहले से ही सरकार के रडार पर था। सरकार को मिली इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक प्रदेश में कट्‌टरवादी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया लगातार सक्रिय था और इससे प्रदेश की शांति व्यवस्था को खतरा हो सकता है। खुफिया इनपुट के मुताबिक प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 500 से अधिक सदस्य सक्रिय है। इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक इंदौर, उज्जैन, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम, खरगोन समेत प्रदेश के कई जिलों में इंटेलिजेंस का नेटवर्क फैला है। पिछले साल में इंदौर में चूड़ी विक्रेता की पिटाई के बाद थाने का घेराव करने के मामले में पीएफआई के शामिल होने के इनपुट मिले थे। इसी कड़ी में खरगोन में रामनवमी पर हुए हिंसक दंगे के तार भी कट्‌टरवादी संगठन पीएफआई से जुड़े हुए पाए गए थे। दंगों की जांच में पीएफआई फंडिग के बात भी सामने आई थी।  इससे पहले एनआईए ने 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 23 जगहों पर रेड मारी थी। ये छापेमारी भी कराटे प्रशिक्षण केंद्र के नाम पर प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का ट्रेनिंग कैंप चलाए जाने के मामले में की गई थी। उस दौरान निजामाबाद, कुरनूल, गुंटूर और नेल्लोर जिले में रेड की थी।  

क्यों की गई कार्यवाही

पीएफआई के आतंकवादी संगठनों से कनेक्शन को लेकर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने बड़े पैमाने पर छापामार कार्रवाई की है। जानकारी के अनुसार ये टेरर फंडिंग को लेकर रेड की गई है। मध्य प्रदेश के ठिकानों से टेरर फंडिंग का हिसाब किताब और साहित्य भी बरामद किया गया है।   इनकी हुई गिरफ्तारी एनआईए ने मध्य प्रदेश के पीएफआई प्रमुख अब्दुल करीम को गिरफ्तार कर लिया है। इसके अलावा मोहम्मद खालिद छीपा को भी गिरफ्तार किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार इंदौर से अब तक 2 गिरफ्तारी हुई है। साथ ही तीसरी गिरफ्तारी इंदौर से जावेद नाम के शख्स की और चौथी गिरफ्तारी मोहम्मद जमील उज्जैन से हुई है। कुल 3 गिरफ्तारी इंदौर और 1 उज्जैन से हुई है।   उज्जैन का जमील गिरफ्तार राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने उज्जैन से पीलू की मस्जिद इलाके से जमील शेख नामक युवक को आगर रोड स्थित विराटनगर से चिमनगंज मंडी पुलिस की मदद से उठाया है। गौरतलब है कि 17 जनवरी को जमील ने पीएफआई का झंडा लहराया था।
क्या है पीएफआई ?
पीएफआई पॉपुलर फ्रट ऑफ इंडिया यानी का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था। ये संगठन दक्षिण भारत में तीन मुस्लिम संगठनों का विलय करके बना था। इनमें केरल का नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु का मनिथा नीति पसराई शामिल थे। पीएफआई का दावा है कि इस वक्त देश के 23 राज्यों में यह संगठन सक्रिय है। देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ है। कर्नाटक, केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों में इस संगठन की काफी पकड़ बताई जाती है। इसकी कई शाखाएं भी हैं। इसमें महिलाओं के लिए- नेशनल वीमेंस फ्रंट और विद्यार्थियों के लिए कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे संगठन शामिल हैं।  यहां तक कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव के वक्त एक दूसरे पर मुस्लिम मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए पीएफआई की मदद लेने का भी आरोप लगाती हैं। गठन के बाद से ही पीएफआई पर समाज विरोधी और देश विरोधी गतिविधियां करने के आरोप लगते रहते हैं।  

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