उज्जैन । आज उज्जैन नगर निगम का प्रथम सम्मेलन आहूत किया गया । जिसमें सभापति चुनाव कराये गये, भाजपा ने प्रत्याशी के रूप में रिकार्ड 6 बार से लगातार पार्षद एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव की बड़ी बहन श्रीमती कलावती यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया। वही कांग्रेस ने तीन बार पार्षद रह चुके राजेंद्र (गब्बर) कुंवाल का नाम सभापति प्रत्याशी के रूप में आगे बढ़ाया था। नगर निगम के सदन में आज सभापति के चुनाव में पार्षदों ने अपने मताधिकार का उपयोग करते हुए सभापति का चुनाव किया । जिसमें भाजपा की श्रीमती कलावती यादव को 39 वोट प्राप्त कर विजय सभापति की कुर्सी पर कब्जा जमाया।
भाजपा के 37 पार्षद फिर 39 वोट कैसे मिले
उल्लेखनीय है कि निगम के 54 वार्डों से भाजपा के 37 पार्षद चुनाव जीतकर आये है यानि महापौर सहित भाजपा के पास 38 वोट होना चाहिए, वही कांग्रेस पार्टी से 17 पार्षद चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे है। आज हुई वोटिंग में निर्वाचित हुई सभापति श्रीमती कलावती यादव को 39 वोट मिले हैं जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 16 वोटो में ही संतुष्टि करना पड़ी। कांग्रेस अब इस बात का चिंतन करना शुरू करेगी कि आखिर एक वोट किस पार्षद ने भाजपा के पक्ष में दिया।
कांग्रेसी ने 17 साल पुराना कर्ज़ उतारा
बात 17 साल पुरानी है, वर्ष 2005 में भाजपा के एक पार्षद ने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग कर निगम अध्यक्ष बनाया था सूत्रों की मानें तो इस बार वही कर्ज पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष के पट्ठे द्वारा चुकाया गया है।
अपील समिति में यह पार्षद चुने गये
अपील समिति सदस्य के रूप में 4 पार्षदों गजेंद्र हिरवे, पूनम जैसवाल, पंकज चौधरी एवं नीलम कालरा को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया ।
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