मध्यप्रदेश में 1 फरवरी यानी कल से स्कूल फिर से खुलेंगे। कक्षा 1 से 12वीं तक सभी कक्षाएं 50 प्रतिशत उपस्थित के साथ संचालित होंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल खोलने के संबंध में चिकित्सा विशेषज्ञों से विचार विमर्श के बाद फैसला लिया। आवासीय विद्यालय और छात्रावास भी 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खोले जा सकेंगे।
मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि बोर्ड परीक्षाएं ऑफलाइन ही होंगी। परीक्षाओं की पूरी तैयारी हो चुकी है। कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इसकी डेट आगे बढ़ाई जा सकती है। स्कूल खोलने को लेकर उन्होंने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल बंद करने का निर्णय कोरोना की स्थिति का अध्ययन करने के बाद लिया था। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर स्कूल बंद किए थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर 31 जनवरी तक स्कूल बंद रखने का आदेश हुआ था। कई प्रदेशों में पहले ही स्कूल खोलने का निर्णय लिया जा चुका है। मध्यप्रदेश में बोर्ड परीक्षाएं 17 फरवरी से शुरू होने वाली है। 29 जनवरी को सीएम शिवराज ने कोरोना समीक्षा की पिछली बैठक में अन्य राज्यों की स्थिति को देखकर एक्सपर्ट से सलाह लेकर स्कूल खोलने का फैसला लेने के निर्देश दिए थे।
अभी यह हैं पाबंदियां
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शादी समारोह में 250 लोग शामिल हो सकते हैं। - शवयात्रा में 50 लोग शामिल हो सकते हैं। - खेल गतिविधियां 50% क्षमता से जारी रहेंगी। - जुलूस, रैली, राजनीतिक और सामाजिक सभा प्रतिबंधित रहेगी। - 50% कैपेसिटी के साथ हॉल में कार्यक्रम हो सकते हैं। - सभी तरह के धार्मिक और आर्थिक मेलों पर रोक रहेगी। - राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, एजुकेशनल और मनोरंजन जैसे कार्यक्रम खुले मैदान में 250 की संख्या में हो सकेंगे। - नाइट कर्फ्यू रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रहेगा।
अन्य प्रदेशों में यह है स्थिति
उत्तर प्रदेश, बिहार में 6 फरवरी तक स्कूल बंद हैं। इनके अलावा महाराष्ट्र में 24 जनवरी से और उत्तराखंड में 31 जनवरी से स्कूल खुल चुके हैं। राजस्थान और तमिलनाडु में 1 फरवरी से स्कूल खुलेंगे। ज्यादातर राज्य सरकारों ने पहले चरण में कक्षा 10वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने का निर्णय लिया है।
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