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सीएमएचओ की पैनल ने माना : देशमुख हास्पिटल प्रबंधन की लापरवाही ने ली थी जान, डॉक्टर की डिग्री थी होम्योपैथी की और इलाज कर रहा था एलोपैथी का, एफआईआर दर्ज

उज्जैन। देशमुख हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर और डॉक्टर की लापरवाही से एक मरीज की जान चली गई थी। मामले में शिकायत के बाद सीएमएचओ की पैनल द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के बाद नीलगंगा पुलिस ने अस्पताल के डायरेक्टर श्रीपद देशमुख और लापरवाह डॉक्टर सुरेश शर्मा के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।

नानाखेड़ा स्थित देशमुख हास्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर और डॉक्टर की लापरवाही से कोरोना के दौरान नजरअली मार्ग निवासी महेन्द्र जैन के पुत्र देवेन्द्र जैन की उपचार के दौरान मौत हो गई थी। परिजनों द्वारा नीलगंगा थाने में शिकायत कर डॉक्टर व अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था।
मिली जानकारी के अनुसार गत 17 अप्रैल को उपचार के लिये परिजनों ने देवेन्द्र जैन को देशमुख अस्पताल एण्ड रिसर्च सेंटर में भर्ती कराया था। जहां डॉ. सुरेश शर्मा द्वारा देवेन्द्र का एलोपैथी पद्धति से उपचार किया गया था। जबकि होम्योपैथी की डिग्री होने से सुरेश शर्मा के पास एलोपैथी पद्धति से उपचार करने का अधिकार नही था। इसके बावजूद उक्त डॉक्टर कोविड आईसीयू आइसोलेशन वार्ड में इलाज करता रहा। डॉक्टर की लापरवाही से देवेन्द्र की 21 अप्रैल को मृत्यु हो गई थी। बताया जाता है कि डॉक्टर सुरेश शर्मा के पास होम्योपैथी की डिग्री है और वह मरीजों का ईलाज एलोपैथी उपचार करते है। देवेन्द्र जैन शुगर पेशेंट थे जिसकी जानकारी परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को पहले से दी थी उसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन द्वारा होम्योपैथी डिग्री प्राप्त डॉ. सुरेश शर्मा से मरीजों का उपचार कराया जा रहा था। सीएमएचओ द्वारा गठित डॉक्टरों की पैनल ने प्रबंधन की लापरवाही का मामला भी पकड़ा था। सीएमएचओ द्वारा गठित डॉक्टरों की पैनल और पुलिस की जांच में खुलासा होने के बाद नीलगंगा पुलिस ने अस्पताल डायरेक्टर श्रीपद देशमुख और व डॉ. सुरेश शर्मा के खिलाफ धारा 304 ए के तहत केस दर्ज किया है।


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