उज्जैन 22 दिसम्बर। विक्रम विश्वविद्यालय के 25वे दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थियों के हाथ में आज उपाधि पत्र ही नहीं, इसमें देश के नागरिकों की आकांक्षाएं भरी हुई हैं। उन्होंने कहा कि उपाधि प्राप्त करने के लिये सीखने के लिये सदैव उत्सुक रहना चाहिये। शिक्षा केवल जीवन यापन के लिये कौशल ही नहीं, अपितु आदर्श गुणों का विकास भी करती है। विद्यार्थियों को बदलती हुई परिस्थितियों से सामंजस्य स्थापित कर आगे बढऩा है।
राज्यपाल ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति को लागू किया है। यह प्रसन्नता का विषय है कि मध्य प्रदेश में विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश में सर्वप्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अंगीकृत किया गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से आव्हान किया कि उन्होंने यहां जो शिक्षा ग्रहण की है, उसको आचरण में लाया जायें। इसके पूर्व कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल को शोभायात्रा के रूप में दीक्षान्त समारोह स्थल स्वर्ण जयन्ती सभागार में लाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, विधायक पारस जैन, कुलपति डॉ.अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुल सचिव डॉ.प्रशांत पुरोहित ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय कार्य परिषद के राजेशसिंह कुशवाह, सचिन दवे, विनोद यादव, सुश्री ममता बैंडवाल, संजय नाहर, श्रीमती कुसुमलता निगवाल मौजूद थे।
दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल द्वारा स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी प्राप्त छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। दीक्षांत समारोह में सम्मिलित होने के लिए 131 पात्र विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया था। इस समारोह में वर्ष 2020 के पीएचडी उपाधि धारकों को डिग्री और 2020 की स्नातक परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गये।
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