उज्जैन। हमेशा विवादों में रहने वाला चरक भवन अब अधिकारियों की लापरवाही से मरीजों एवं परिजनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। यहां सीढिय़ों वाला मार्ग कुछ दिनों से बंद कर दिया गया है। इधर कोरोना का संक्रमण भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसे में सीढिय़ों का मार्ग बंद कर केवल लिफ्ट के माध्यम से ही परिजन को बार-बार आना जाना पड़ता है।
माता एवं नवजात शिशुओं के उचित उपचार के लिए मिली चरक भवन की सौगात को नये-नये नियम बनाकर पलीता लगाया जा रहा है। वर्तमान में यहां लिफ्ट से मरीजों एवं परिजनों को लाने-ले-जाने की व्यवस्था की गई है। इसके पूर्व में सीढिय़ों के माध्यम से भी परिजन आते-जाते थे। जिसके कारण एक ही जगह पर भीड़ नहीं होती थी। लेकिन बीते कुछ दिनों से सीढिय़ों वाले मार्ग पर ताला लगा दिया गया है। अब लिफ्ट ही एक मात्र मार्ग बचा है जिससे परिजन एवं मिलने आने-जाने वाले लोग पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल तक पहुंच सकते हैं। ऐसे में यहां भर्ती मरीजों के परिजनों की भीड़ केवल एक ही जगह लिफ्ट में एकत्रित होती है जो संक्रमण को बढ़ाने का काम भी कर सकती है। जिम्मेदारों को इस और ध्यान देने की आवश्यकता है।
लापरवाही पड़ सकती है भारी
पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अस्पताल जैसी जगह पर संक्रमण का खतरा भी अधिक होता है। वर्तमान में मास्क, सोश्यल डिस्टेंसिंग तो शहर में हो नहीं रही है। ऐसे में अस्पताल में भर्ती परिजनों से मिलने आने वाले किसी भी व्यक्ति के कारण संक्रमण फैल सकता है।
सीढिय़ों से होती थी भीड़ कम
सीढिय़ों वाला मार्ग चालू होने से कई मरीजों के परिजन पहली, दूसरी मंजिल तक तो पैदल ही चले जाते थे। जिससे लिफ्ट पर भीड़ नहीं बढ़ती थी। अब मार्ग बंद होने के कारण केवल लिफ्ट के माध्मय से ही ऊपरी मंजिल पर पहुंचा जा सकता है।
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