शहर के थाना महाकाल व नीलगंगा क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर दो बदमाशों के विरुद्ध पुलिस व निगम टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस के चंगुल से फरार दोनों हिस्ट्रीशीटर
बदमाशों के अवैध बने मकानों को टीम द्वारा ध्वस्त किया गया। पहले पुलिस ने मुल्लापुरा के
बदमाश शहंशाह के अवैध मकान को जमींदोज किया। शहंशाह पर 38 से अधिक केस दर्ज हैं। दूसरी कार्रवाई में विष्णु पुरा के बदमाश सन्नी मराठा के अवैध मकान को ध्वस्त किया गया। हिस्ट्रीशीटर बदमाश सन्नी मराठा पर भी 15 से अधिक केस दर्ज हैं। सन्नी के घर से पुलिस ने हथियार भी बरामद किए हैं।
सीएसपी पल्लवी शुक्ला ने बताया कि गुंडा अभियान के तहत हिस्ट्रीशीटर
बदमाशों के अवैध बने निर्माण को ध्वस्त करने की कार्यवाई की जा रही है। शहंशाह पर जहरीली शराब, मर्डर, मर्डर का प्रयास जैसे संगीन अपराधों में केस दर्ज हैं। नीलगंगा क्षेत्र अंतर्गत बदमाश सन्नी मराठा पर 15 केस जिसमें हत्या का प्रयास, जुआं, सट्टा व अवैध वसूली जैसे अपराधों में केस दर्ज है। दोनों अभी फरार हैं जिनकी तलाश की जा रही है। सन्नी के घर से अवैध हथियार व कुछ प्रॉपर्टी संबंधित कागज मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है।
सिंहस्थ क्षेत्र के अतिक्रमण और अतिक्रमण करने वालों के मकान भी टूटेंगे -
कलेक्टर आशीषसिंह ने एक दिन पहले ही साफ कर दिया था कि गुंडों के साथ अब अतिक्रमण करने वालों के मकान भी तोड़े जाएंगे। कलेक्टर ने कहा सिंहस्थ 2016 के बाद सिंहस्थ के लिए आरक्षित क्षेत्र में जिन्होंने कॉलोनियां काटी हैं पहले उनके मकान तोड़े जाएंगे फिर अवैध कॉलोनियां के कच्चे व पक्के निर्माण तोड़े जाएंगे।
मकान तोड़ने गए अफसर को सड़क पर पीटा
एक अन्य
मामले मे जबलपुर में गुरुवार को नगर निगम के सहायक आयुक्त वेदप्रकाश चौधरी को कुछ वकीलों और उनके समर्थकों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। विवाद जर्जर मकान को तोड़ने को लेकर शुरू हुआ था। दोनों पक्षों की ओर से ओमती थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।
नगर निगम की ओर से बताया गया कि मढ़ाताल गुरुद्वारा के पास सुशीला शुक्ला का मकान जर्जर हो चुका है। मकान में 7 किराएदार हैं। जर्जर मकान तोड़ने के लिए नगर निगम से नोटिस जारी हुआ था। नोटिस पर कोर्ट से स्टे ले लिया गया था। इस स्टे को जर्जर मकान की फोटोग्राफ और भवन अधिकारी की रिपोर्ट के साथ कोर्ट में पेश किया गया। 22 सितंबर को कोर्ट ने स्टे हटा दिया।
मकान तोड़ने का किया विरोध
गुरुवार दोपहर बाद नगर निगम का अमला जर्जर मकान तोड़ने पहुंच गया। सहायक आयुक्त वेदप्रकाश चौधरी के मुताबिक इसकी सूचना एसडीएम, एसपी और ओमती थाने को दी गई थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह अमले के साथ मकान तोड़ने पहुंच गए। इसी मकान में पेशे से वकील शार्दुल ठाकुर भी रहते हैं। उन्होंने और उनके साथियों ने मकान तोड़ने का विरोध किया। इसे लेकर उनके बीच कहासुनी हो गई। अधिवक्ता का तर्क था कि मकान का कुछ ही हिस्सा जर्जर था, शेष मरम्मत करा लिया गया है, लेकिन नगर निगम का अमला सुनने को तैयार नहीं था।
शार्दुल ठाकुर के बुलावे पर पहुंचे वकील
शार्दुल ठाकुर के मुताबिक नगर निगम के सहायक आयुक्त और उनके अमले ने उनके साथ बेल्ट से मारपीट की। इस सूचना पर 10-15 की संख्या में और अधिवक्ता सचिन गुप्ता के साथ पहुंच गए। सहायक आयुक्त का आरोप है कि कुछ बाहरी लोगों को भी बुला लिया था। सभी लोगों ने मिलकर सहायक आयुक्त वेदप्रकाश चौधरी पर हमला बोल दिया।
नगर निगम अधिकारी ने बचने के लिए दौड़ लगा दी। नगर निगम के कर्मचारियों ने सहायक आयुक्त को बचाया। विवाद की सूचना पर कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना भी पहुंच गए थे।
जर्जर मकान तोड़ने के पीछे कब्जे का खेल
अधिवक्ता सचिन गुप्ता ने आरोप लगाया कि जर्जर मकान बता इसे तोड़ने के पीछे कब्जे का खेल है। कुछ लोग इस मकान पर कब्जा करना चाहते हैं। यहां रह रहे किराएदारों ने अपने हिस्से के एवज में पैसे दे चुके हैं, लेकिन नगर निगम के अधिकारी कुछ सुनने को तैयार नहीं।
सहायक आयुक्त वेदप्रकाश चौधरी का दावा है कि कोर्ट ने जर्जर मकान न तोड़ने पर फटकार लगाई थी। कोर्ट के आदेश के क्रम में ही वह मकान तोड़ने पहुंचे थे। उन्होंने तो वहां रह रहे किराएदारों से बात भी की थी कि कोई स्टे आदि हो तो पेश कर दें।
दोनों पक्षों की ओर से थाने में दी गई शिकायत
ओमती टीआई एसपीएस बघेल के मुताबिक दोनों पक्षों की ओर से शिकायत दी गई है। वकील शार्दुल ठाकुर ने नगर निगम के सहायक आयुक्त वेदप्रकाश चौधरी समेत दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया है।
वहीं, वेदप्रकाश चौधरी की ओर से शार्दुल ठाकुर सहित कुछ वकीलों और अन्य के खिलाफ मारपीट, शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने की शिकायत दी है। दोनों प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार
कार्रवाई की जा रही है।
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