उज्जैन
जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के पूर्व प्रबंधक अरुण कुमार डे को कोर्ट ने चार साल के लिए जेल भेज दिया। रिश्वत कांड में लोकायुक्त के जाल में फंसे डे पर कोर्ट ने 30 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया। अभी डे निलंबित चल रहा था। उसे लोकायुक्त से संबंधित भ्रष्टाचार मामले में पंकज चतुर्वेदी की विशेष न्यायालय ने अरुण कुमार डे को दो अलग-अलग धाराओं में यह सजा सुनाई।
मामला चार साल पुराना है। वेद नगर निवासी ललित खत्री ने 16 नवंबर 2017 लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी। ललित खत्री की पत्नी यशस्वी क्लॉथ फैब्रिक के नाम से दुकान संचालित करता है। ललित ने लोकायुक्त में शिकायत के दो माह पहले जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र फर्म की लीज डीड बनाने के लिए आवेदन किया था। जहां उस समय प्रबंधक रहे अरुण कुमार डे ने 75 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। ललित ने डे को 55 हजार रुपए तो दे दिए लेकिन डे 20 हजार रुपए और लेने की मांग पर अड़ा रहा।
इस बारे में ललित ने डे की आवाज को रिकॉर्ड कर लिया। लोकायुक्त ने ऑडियो से अरुण कुमार डे की आवाज मिलाई तो रिश्वत मांगने के संबंध में उसकी आवाज की पुष्टि हो गई। इसके बाद लोकायुक्त ने जाल बिछाकर डे को ललित खत्री से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
रिश्वत के 20 हजार रुपए के नोट अरुण कुमार डे की पेंट की जेब से बरामद किए। विशेष न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी की कोर्ट ने डे को शनिवार को ही भैरवगढ़ जेल भेज दिया।
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