उज्जैन
देश के कई राज्यों में पहले से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यकर्ता के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए उज्जैन पुलिस ने 6 लोगों पर माधव नगर थाने में मामला दर्ज किया है। दरअसल नॉर्थ त्रिपुरा में फैले साम्प्रदायिक तनाव में हुई हिंसा के बाद 29 अक्टूबर को पीएफआई के सदस्य उज्जैन कलेक्टर के पास ज्ञापन देने गए थे।
कलेक्टर से मुलाकात नहीं होने के कारण ज्ञापन कार्यालय में दे दिया गया। यहां से नियमानुसार ज्ञापन अफसरों के पास पहुंचा। जिसे पढ़ते ही कलेक्टर कार्यालय में हड़कंप मच गया। जिसके बाद तत्काल पुलिस को सूचना देकर ज्ञापन में लिखी बेहद आपत्ति जनक बयान के बारे में सूचना दी। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और तत्काल पीएफआई के 6 सदस्यों पर दंगा भड़काने, साम्प्रदायिक
माहौल बिगाड़ने व अन्य धाराओं में धारा 153, 295, 505 1(c)(2) 188 के तहत मामला दर्ज किया है।
आरोपी शहर के आगर नाका, बेगम बाग, फाजलपुरा के
सभी आरोपी शहर के आगर नाका, बेगम बाग, फाजलपुरा में रहते हैं। पकड़े गए तीन आरोपी यूसुफ, इमरान व शाहिद सहित तीन अन्य हैं। एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने बताया कि 3 दिन पहले एक ज्ञापन पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय में देकर गए थे। ज्ञापन में जिस तरह की भाषा का उपयोग किया गया था वो अपराध की श्रेणी में आती है। इसे गम्भीरता से लेते हुए पीएफआई के 6 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। चूंकि इन धाराओं में 7 वर्ष के कम की सजा का प्रावधान है इसलिए नोटिस की कार्रवाई पर पूछताछ कर छोड़ दिया है। सभी सदस्यों की गतिविधियों पर पुलिस नजर रखे हुए हैं। ज्ञापन की भी जांच की जा रही है।
उज्जैन में पीएफआई पहले भी विवाद में रहा
जुलाई में ईद के मौके पर उज्जैन की कई मस्जिदों और मुस्लिम बाहुल इलाकों में पीएफआई के पोस्टर लगाए गए थे। इससे विवाद खड़ा हो गया था। इसमें कुर्बानी के नाम पर चंदा उगाने की बात सामने आई थी। इसके अलावा पीएफआई के स्थापना दिवस पर मंच से कई कार्यकर्ताओं ने विवादित भाषण भी दिया था।
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पीएफआई का विवादों से सम्बन्ध
ऐसा तमाम विवाद हैं जो समय समय पर पीएफआई के दरवाजे पर दस्तक दी है | यदि बात हम एक समूह के तौर पर पीएफआई की करें तो इसे सिमी (स्टूडेंट्स इस्लाक मूवमिमेंट ऑफ इंडिया) का बी विंग कहते हैं |
ऐसा माना जाता है कि अप्रैल 1977 में बनाई गई संगठन सिमी पर जब 2006 में बैन लगा उसके पश्चात ही शोषित मुसलमानों, आदिवासियों और दलितों के अधिकार के नाम पर पीएफआई का समूह तैयार किया गया था | एक
चरमपंथी
इस्लामिक
समूह
है ।
संगठन
की
शुरुआत
केरल
के
कालीकट
से
आरम्भ
हुआ
और
इसका
मुख्यालय)
दिल्ली
के
शाहीन
बाग
में
है, भारत में पीएफआई संगठन
2006 में
उस
समय
सुर्ख़ियों
में
आया
था
जब
दिल्ली
के
राम
लीला
मैदान
में
पीएफआई
तरफ से नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस का प्रोग्राम किया गया था | तब मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस कांफ्रेंस में एक बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई थी |वर्तमान समय की बात करे तो पीएफआई संगठन आज देश के 23 राज्य में पहुंच चुका है और अपनी गतिविधियों को अंजाम देता जा रहा है | पीएफआई समूह की गतिविधियां सिमी से लगभग मिलती जुलती थी | वर्तमान समय में पीएफआई के बैन की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश में तेजी से दिख रहा है |
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