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टाईम लिमिट के काम को क्यों उलझा रहा है भवन अधिकारी अनिल जैन

पंकज पांचाल
9424515148
उज्जैन / रोजगार के संकट और महंगाई की चुनौती के बीच आम जनता भ्रष्टाचार से परेशान है। नगर पालिका निगम उज्जैन में  टाइम लिमिट के कामों में हो रही लेट लतीफी की जा रही है। कारण केवल रिश्वत है।

मामला झोन क्रमांक एक के वार्ड क्रंमाक 9 के नयापुरा का है। यहां बडजात्या परिवार अपने पैतृक मकान में निवास करता है । बड़जात्या परिवार द्वारा वर्ष 2009 में नगर निगम से बिल्डिंग परमिशन लेकर मकान का कुछ  हिस्सा निर्माण करवाया था। परिवार के सदस्यों की संख्या बढने पर शैष बचे हिस्से पर भी निर्माण करने के लिए उनके द्वारा निगम मे बिल्डिंग परमिशन हेतु ऑनलाइन नक्शा कुरेशी नामक आर्किटेक्ट के द्वारा दिनांक 06 अगस्त 2021 को  पेश किया गया ।
बिल्डिंग क्लर्क द्वारा दस्तावेज जांचने के पश्चात मामला भवन निरीक्षक तक पहुचा। सब कुछ सही होने पर उन्होंने फाईल भवन अधिकारी अनिल जैन की स्वीकृति हेतु आगे बढा दी।नियम की बात करे तो भवन अधिकारी जैन को तीन दिन की टाईम लिमिट मे स्वीकृति करना थी परंतु दो माह बीत जाने के बाद भी नही की।
आनलाईन परमिशन मे ऑफलाईन दस्तावेजो की मांग
भवन अधिकारी श्री जैन द्वारा बिल्डिंग परमिशन मे देने मे बेवजह परेशान किया जा रहा है। बिल्डिंग परमिशन हेतु सभी दस्तावेज ऑनलाइन सबमिट किए जाने का प्रावधान है किसी भी तरह की कोई कमी होती है उसे ऑनलाइन मांग की जाती है परंतु श्री जैन द्वारा ऑफलाइन दस्तावेजों की मांग की गई यही नहीं मौका निरीक्षण के नाम पर दो- दो बार मौके पर जाने के बाद भी बिल्डिंग परमिशन की स्वीकृति नहीं दी गई। 

छोटे से मकान मे 16 लोग रह रहे है।
भवन अधिकारी अनिल जैन की लापरवाही का खामियाजा बड़जात्या परिवार के लोग भुगत रहे हैं, लगभग 3 माह से अधिक समय हो जाने के बाद भी बिल्डिंग परमिशन नहीं मिल पाने के कारण परिवार के करीब 16 सदस्य एक छोटे से कमरे में रहकर जीवन यापन कर रहे हैं। इस बात की जानकारी जैन को भी है परंतु रिश्वत की मोटी रकम के लालच मे जैन परमिशन नही होने दे रहा है।
आर्किटेक्ट का कहना साहब से बात कर लो
इस मामले में बड़जात्या परिवार के सदस्यों ने आर्किटेक्ट कुरैशी से बात की और पूछना चाहा की बिल्डिंग परमिशन कब तक होगी तो कुरैशी का कहना था कि साहब से जाकर बात कर लो काम जल्दी हो जाएगा। 
दो बार मौका मुआयना, बात नही बनी तो कंपाउंडिंग की धमकी 
भवन अधिकारी अनिल जैन ने दो बार मौका मुआयना किया और आर्किटेक्ट कुरैशी के माध्यम से अपनी सेटिंग  की बात कर रहे है।जब बात नहीं बनी तो आर्किटेक्ट द्वारा यह बात कही जाने लगी कि भवन अधिकारी जैन कंपाउंडिंग की बात कर रहे हैं । सोचने योग्य बात तो यह है कि जैन को यदि कंपाउंडिंग करनी ही थी तो इतनी देर क्यों लगाई जा रही है।
निगमायुक्त संज्ञान में ले मामला
इस मामले को निगमायुक्त अंशुल गुप्ता को संज्ञान में लेकर भवन अधिकारी अनिल जैन को अपने समक्ष बुलाकर मामले की सत्यता जाननी चाहिए कि दस्तावेज सभी कंप्लीट है ,मौके पर प्लाट है तो आखिर फिर क्या कारण है की भवन अनुज्ञा स्वीकृत किए जाने में समय लग रहा है।
इस मामले मे जब जैन से चर्चा करना चाही तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
बाकी है अभी 
भष्टाचार से बनाई संपत्ति
  सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनिल जैन देवास रोड स्थित श्री विशाला मे करोडो के बंगले मे रहे है। नौकरी मे कितनी तनख्वाह बनी,  नीलगंगा तालाब की जमीन पर पत्नी का भुखंड और  निगम मे बेटे को ठेकेदारी कराकर कितना कमाया, 
चिंतामण रोड पर 5 बीघा जमीन का होने वाले सौदे के खुलासे शीघ्र।

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