ब्रेकिंग न्यूज
logo
add image
Blog single photo

उज्जैन मे तैनात रहे इन आईएएस अफसर पर लगा फर्जी हस्ताक्षर से प्रमोशन लेने का आरोप, माननीय न्यायाधीश की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज

 पंकज पांचाल 

इंदौर/
इंदौर में आईएएस अफसर संतोष वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।इन पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके प्रमोशन लेने का आरोप है। संतोष वर्मा ने आईएएस कैडर अलॉट होने पर डीपीसी (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) के लिए स्पेशल जज (सीबीआई और व्यापमं) विजेंद्र रावत के फर्जी साइन कर रिपोर्ट तैयार की थी। आईएएस अफसर संतोष वर्मा नगरीय प्रशासन विभाग भोपाल में तैनात थे। 
क्या है मामला
आईएएस वर्मा के खिलाफ 27 जून को इंदौर के एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज किया था। अफसरों ने वल्लभ भवन (भोपाल) से अनुमति ली और कल शनिवार रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया।


संतोष वर्मा पर पहले भी एक महिला ने शादी का झांसा देकर ज्यादती का आरोप लगा चुकी है


4 माह पूर्व इंदौर  शहर के लसूड़िया थाने में  आईएएस अफसर संतोष वर्मा ने एक महिला के खिलाफ केस दर्ज कराया था। शिकायत में कहा है कि महिला ब्लैकमेल कर रही है। उसने दस्तावेज में पति के रूप में मेरा नाम दर्ज कराया था। पासपोर्ट और मतदाता परिचय पत्र भी मेरा नाम लिखवा लिया है। उधर, महिला ने नवंबर 2016 अफसर पर शादी के बाद धोखा देने का आरोप लगाया था। वह थाने में इसकी शिकायत भी कर चुकी है।

लसूड़िया टीआई इंद्रमणि पटेल के अनुसार संतोष वर्मा पिता रुमाल सिंह वर्मा की शिकायत पर ओमेक्स सिटी निवासी युवती के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। युवती एलआईसी एजेंट है। आईएएस अफसर संतोष वर्मा ने पुलिस को बताया कि महिला उनसे 
एलआईसी एजेंट के रूप में ही मिली थी। उनके एलआईसी के नाम पर दस्तावेज ले लिए थे। महिला ने बाद में धोखाधड़ी करते हुए दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और वोटर आईडी में मेरा नाम अपने पति के रूप में दर्ज करवा दिया। पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचना सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज पकिया है गिरफ्तारमहिला ने शिकायत में कहा था- साथ रखकर ज्यादती की
नवंबर में युवती ने इसी थाने में शिकायत की थी। शिकायत में उसने कहा था कि उज्जैन के अपर कलेक्टर संतोष वर्मा ने शादी का झांसा देकर उन्हें साथ रखा और ज्यादती की। उसने संतोष के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की थी। इसी दौरान दोस्ती हुई, जो प्रेम में बदल गई। दोनों ने विवाह कर लिया था। जब वह हरदा में पदस्थ थे तब वे पत्नी की तरह सरकारी क्वार्टर में साथ रही थी। उसके बाद उनका उज्जैन ट्रांसफर हो गया तो युवती को टाउनशिप में घर दिलवाया था। वह घर संतोष वर्मा की मां के नाम पर है। अपर कलेक्टर का पहले ही विवाह हो चुका था, लेकिन उन्होंने छुपाया। बाद में शादी से इनकार कर दिया। उन्होंने इसकी शिकायत कई जगह की थी।

ताजा टिप्पणी

टिप्पणी करे

Top