जबलपुर। अभी तक गुंडों में गैंगवार की खबरें सुनने को मिल रही थी। लेकिन आज एक बड़ी खबर सुनने में आई है कि जुआ किंग के नाम से चर्चित बबलू पंडा की हत्या कर दी गई। उसे चार गोलियां लगी है इस दौरान करीब 50 राउंड की फायरिंग भी कइ गई है। हमलावरों में वे लोग शामिल है जो पहले उसके साथ धंधा करते थे। वहीं एक महिला मित्र के पुत्र का भी शामिल होना बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि इस जुअे के अड्डे पर पुलिस को भी बड़ी रकम जाती थी।
मिली जानकारी के अनुसार मंडला जिले के पुलिस थाना बीजाडांडी क्षेत्र में एक ढाबे पर गैंगवार हुआ है। दोनों तरफ से करीब 50 राउंड फायरिंग हुई। बबलू पंडा को 4 गोलियां लगी। वह मौके पर ही ढेर हो गया। बताया जा रहा है कि हमलावरों ने गोली मारने के बाद चाकू से उसकी गर्दन काट दी ताकि उसके बचने की कोई संभावना ना रहे। पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है परंतु अभी तक हत्यारे का नाम नहीं बताया है। चर्चा है कि जबलपुर में बरेला वाले रोहित सोनकर और उसके साथियों ने बबलू पंडा गैंग पर हमला किया था। वहीं बबलू पंडा गोराबाजार थाने का हिस्ट्रीशीटर बदमाश था। उसके ऊपर ही जबलपुर में कुल 29 अपराध हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण कर हत्या, फिरौती, अवैध वसूली, जुआ, लूट आदि के दर्ज थे। आरोपी के खिलाफ जबलपुर के अलावा सागर में भी आधा दर्जन प्रकरण दर्ज हैं। आरोपी के खिलाफ गोराबाजार पुलिस ने 10 दिसंबर 2020 को जिला बदर का प्रकरण जिला दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया था। उसे थाने में हर 15 दिन में हाजिरी देने का आदेश जारी हुआ था। 11 जून 2021 को उसने गोराबाजार में आखिरी हाजिरी दी थी। जबलपुर में 2018 के बाद उसके खिलाफ कोई प्रकरण दर्ज नहीं हुआ था।
पहले थे पार्टनर, फिर बने दुश्मन
सूत्रों का दावा है कि रोहित सोनकर पहले अन्य मादक पदार्थों के धंधे में लिप्त था। इसके बादं रोहित ने कुख्यात सट्टा किंग बबलू पंडा के साथ बीजाडांडी के उदयपुरा जंगल में जुआघर बनाया। जब धंधा अच्छा चलने लगा तो बबलू पंडा की नियत बिगड़ गई। उसने रोहित सोनकर को शराब और अय्याशी की लत लगा दी इसके बाद रोहित धीरे धीरे बर्बाद हो गया। इसके बाद बबलू ने रोहित को धंधे से अलग कर दिया। यही विवाद का कारण भी माना जा रहा है।
रोज होता था 50 लाख का जुआ
सूत्रों का कहना है कि बबलू पंडा का धंधा जम गया था। यहां हर रोज करीब 50 लाख का जुआ होता था। जिसमें से आठ लाख रुपए सिर्फ नाल कटती थी। विवाद के बाद रोहित सोनकर ने कई बार प्रयास भी किए कि वह अपना धंधा अलग से जमा ले लेकिन बबलू पंडा ने उसे टिकने नहीं दिया।
बड़े व्यापारी भी आते थे जुआ खेलने
खबर मिली है कि बबलू पंडा जबलपुर-मंडला के बॉर्डर पर बीजाडांडी क्षेत्र के जंगल में पिछले डेढ़ साल से जुआ घर चला रहा था। जुआ फड़ ऐसे स्थान पर था कि एक बार भी वहां तक पुलिस नहीं पहुंच पाई। उसके फड़ में जुआ खेलने नरसिंहपुर, मंडला, सिवनी, जबलपुर, उमरिया से जुआरी पहुंचते थे। नरसिंहपुर का शातिर जुआरी भाईलाल पटेल भी खिलाडिय़ों को लेकर अक्सर उसकी फड़ पर जाता रहता था। नरसिंहपुर से पिछले दिनों चार लोग स्ट्रेचर पर लेकर एक जुआरी को पहुंचे थे। जुआरी पैर से लाचार था, लेकिन जुआ का लत होने के चलते वह बड़े जुआ फड़ में जाया करता था। बबलू पंडा ने पूरी व्यवस्था बना रखी थी। बीजाडांडी सोयाबीन फैक्ट्री के पास जुआरियों के वाहन खड़े करा लिए जाते थे। दशमेश ढाबे के पास उसके आदमी दो वाहन से मौजूद रहते थे। आगे का सफर इन वाहनों में बैठ कर पूरा करना होता था।
पुलिस को जाता था बड़ा हिस्सा
सूत्रों का कहना है कि इस बड़े जुआघर को संचालित करने के लिए पुलिस को एक बड़ा हिस्सा जाता था। क्योंकि इतने बड़े जुआघर के संचालित होने के बावजूद भी पुलिस को इस बात की जानकारी न लगना शंका को जन्म देता है। बताया जा रहा है कि बबलू पुलिस को एक मोटी रकम रह माह देता था। इसके बदले में पुलिस ना केवल चुप रहती थी बल्कि बबलू पंडा की सुरक्षा भी करती थी। मंडला जिले में बबलू पंडा के खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत की सुनवाई नहीं की जाती थी। ज्यादातर शिकायतों की पावती तक नहीं दी जाती थी।
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