भोपाल। प्रदेश में काफी समय से टल रहे नगरीय निकाय चुनाव को लेकर एक बार फिर नई बात सामने आई है। प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री ने कहा है कि प्रक्रिया पूरी करने में समय लगेगा, और इस बात के संकेत भी दिये कि चुनाव एक बार फिर छह माह टल सकते हैं।
कोरोना महामारी के चलते प्रदेश में कई बार टाले जा चुके नगरीय निकाय चुनावों पर एक बार फिर संकट मंडरा रहा है। अब इन चुनावों को एक बार फिर 6 महीने के लिए टाला जा सकता है। इस बात की जानकारी खुद नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने दी है। सिंह ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में अभी 6 महीने तक निकाय चुनाव नहीं कराए जाएंगे। इन चुनावों के लिए पूरी प्रक्रिया को दोहराना पड़ेगा। प्रदेश में आरक्षण को लेकर ओबीसी वर्ग के लोगों ने राजधानी के सेकेंड स्टॉप क्षेत्र में आंदोलन शुरू किया है। यहां ओबीसी वर्ग के लोगों ने बुधवार को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है। इस प्रदर्शन को संबोधित करने पहुंचे मत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले, बीजेपी इसके समर्थन में है। ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। उच्च न्यायालय में सरकार पूरी ताकत के साथ यह पक्ष रखेगी कि 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को मिले। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती कि 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी को मिले। कांग्रेस हमेशा ओबीसी के खिलाफ रही है। कांग्रेस की सत्ता में कभी प्रदेश में ओबीसी का मुख्यमंत्री नहीं बना। कभी संवैधानिक पद का दर्जा नहीं दिया गया है। उच्च न्यायालय में हम अपना पक्ष पूरी ताकत से रखेंगे। वहीं नगरीय निकाय के चुनावों को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इन चुनावों को अभी 6 महीने नहीं करवा सकते। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि निकाय चुनाव कराने के लिए पूरी प्रक्रिया को दोहराना पड़ेगा। सरकार आरक्षण के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इससे पहले आप सभी अपना आंदोलन वापस लें।
कितनी जगह होना है चुनाव
प्रदेश में कुल 407 नगरीय निकाय हैं। इनमें से 347 में आम निर्वाचन कराए जाना है। दो चरण में मतदान होगा। प्रथम चरण में 155 और दूसरे चरण में 192 नगरीय निकायों में मतदान कराया जायेगा। महापौर/अध्यक्ष का निर्वाचन अप्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। इन 347 नगरीय निकायों में सभी 16 नगर निगम शामिल हैं।
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