जबलपुर। मध्यप्रदेश में एनएसयूआई नेताओं के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। एनएसयूआई के कुछ नेता, अपने ही संगठन के दूसरे नेता को खींचकर थाने में लाए और थाना परिसर में बेरहमी से पीटने लगे। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने पिट रहे कांग्रेस नेता को बचाया। बाद में मारपीट करने वाले नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
विवाद कांग्रेस पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष विजय रजक और पूर्व महासचिव अंशुल सिंह ठाकुर के बीच है। विजय रजक अपने साथी देवेंद्र काछी और शुभांशु कनौजिया के साथ अंशुल ठाकुर को खींचते हुए सिविल लाइंस थाना परिसर पहुंचे। थाना परिसर के अंदर आते ही तीनों ने अंशुल ठाकुर की लात घूंसों से पिटाई शुरू कर दी। यह देखकर एक पुलिस कर्मचारी बाहर निकल कर आया तो जिला अध्यक्ष विजय रजक ने उसे धमकाकर रोक दिया। बाद में थाने के अंदर से पुलिस कर्मचारी बाहर निकले और अंशुल ठाकुर को अपनी सुरक्षा में लेकर थाने के अंदर ले गए। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष विजय रजक का आरोप है कि अंचल ठाकुर को एनएसयूआई से निष्कासित कर दिया गया है उसके बाद भी वह खुद को एनएसयूआई का नेता बताते हुए अधिकारियों से अवैध चंदा वसूली करता है। जबकि अंशुल ठाकुर का कहना है कि वह तो युवा कांग्रेस के शुभम बोहित की अगुवाई में पुलिस की चालानी कार्रवाई के खिलाफ गांधीगिरी तरीके से प्रदर्शन करने गया था। उसी समय उसे पकड़ कर ले आया गया। पुलिस ने अंशुल की रिपोर्ट पर एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सहित तीनों नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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