उज्जैन / जिले के बड़नगर में पुलिस कांस्टेबल की नौकरी दिलाने के नाम पर युवती से 7 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि उज्जैन मे एक सप्ताह में ठगी की यह चौथी वारदात है।
ये है पूरा मामला
ग्रामीण एडिशनल एसपी रविंद्र वर्मा ने बताया की बड़नगर की रहने वाली युवती पायल रिचा पिता महादेव द्वारा शिकायत की गई थी कि मेरे साथ पुलिस कांस्टेबल की नौकरी दिलाने का झांसा देकर किशोर माली निवासी उज्जैन द्वारा 7 लाख की ठगी की गई है। युवती ने पुलिस को जानकारी देते हुए बताया कि 2017 में उसने पुलिस भर्ती परीक्षा दी थी। आरोपी युवती को वहीं परीक्षा के दौरान मिला था। जिसके बाद से ही आरोपी किशोर माली द्वारा उसे कहा जा रहा था कि तुम्हारे आदेश जल्द ही करवा दूंगा और तुम्हारी नियुक्ति स्पोर्ट्स कोटे से हो जाएगी। ऐसा झांसा देकर आरोपी द्वारा युवती से बीते 3 सालो में 7 लाख की की ठगी की घटना की अंजाम दे दिया।
पीड़ित युवती ने बताया कि हमने हमारी मां की रकम और मेरा मोबाइल तक बेच कर आरोपी किशोर माली को पैसे दिए और इसने हमारे साथ धोखाधड़ी की। जिसकी शिकायत बड़नगर पुलिस में युवती ने दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर उस पर 420 की धारा में प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। एडिशनल एसपी रविंद्र वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी द्वारा पूर्व में भी कोतवाली थाना अंतर्गत आबकारी अधिकारी बनकर ठगी की गई थी और उसे उसमें सजा भी हुई थी। पुलिस फिलहाल आरोपी से और पूछताछ कर रही है। पुलिस को आरोपी किशोर के पास से कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। जिसकी जांच की जा रही है।
सात दिनों में ठगी की चौथी घटना
18 जून को उज्जैन में बड़ा सायबर ठगी का मामला सामने आया था। जिसमें ग्रामीणों से व्हट्सएप के जरिए 60 करोड़ रुपए ठगने का मामला सामने आया था। जिसमें 50 से अधिक गांव वालों के साथ धोखाधड़ी हुई थी। इसमें 65 लाख तो तीन भाइयों से ही ठग लिए थे फरियादी ने आरोपी की सुचना देने वालों पर 50 लाख का इनाम रखा था
18 जून को ही प्रधानमंत्री कार्यालय का सहलाकर बताकर आई जी और संभागायुक्त के कार्यालय में रोब झाड़ने और ठगी के इरादे से आये बुजुर्ग को पकड़ा था। बुजुर्ग ने अपने आपको केन्द्रीय सतर्कता आयोग का सदस्य भी बताया था
23 जून को उज्जैन में आयकर आयुक्त बनकर नौकरी दिलाने वाले आरोपी को पुलिस ने पकड़ा था।
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