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आस्था या अंधविश्वास! कोरोना से बचाव के लिए पुरा गांव खाली

आस्था या अंधविश्वास!

कोरोना से बचाव के लिए पुरा गांव खाली 

घौंसला से राहुल कुमावत की रिपोर्ट
उज्जैन-घौंसला/
 प्रदेश में कोरोना के आंकड़े अब सरकार के काबू में होते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं, ऐसी दुर्दशा देखकर कोरोना महामारी से बचने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे तमाम अभियान और प्रयासों के बीच  जिले की महिदपुर तहसील के ग्रामीण अंचलों में अब एक अनूठा प्रयोग ग्रामीणों द्वारा कोरोना महामारी से बचने के लिए किया गया. दरअसल ग्रामीणों द्वारा 1 दिन के लिए सुबह से पूरे गांव को खाली कर मकानों पर ताला लगा दिया गया, इसके बाद सभी ग्रामीणों ने अपने खेत व खुले स्थान पर जाकर खाना बनाया और दिन भर गांव से बाहर वही परिवार के साथ अपना दिन व्यतीत किया।
ग्रामीणों द्वारा अपने गांव के हनुमान मंदिर पर महावीर बजरंगबली का हवन अनुष्ठान किया गया ।जिसके बाद यज्ञ के पवित्र जल को गांव की सरहद पर डालकर गांव का शुद्धिकरण किया गया।
जब इस मामले में उज्जैन आज तक संवाददाता द्वारा ग्रामीण कचरू सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले दिनों नवरात्रि के अंतिम दिन रतलाम जिले के गोठड़ा में माता मंदिर के पुजारी द्वारा की गई भविष्यवाणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था,  उज्जैन आज तक द्वारा भी उसे प्रमुखता से बताया गया था।जिसमें इस प्रक्रिया को अपनाने से महामारी से बचने की बात कही गई थी।उसी के अनुसरण में ग्रामीणों द्वारा यह सब किया जा रहा है. आपको बता दें अन्य गांवों में इस तरह के अनुष्ठानों की सूचना मिली है।
अब इस प्रक्रिया को आस्था कहे या अंधविश्वास मगर सरकार द्वारा कोरोना को हराने के लिए किए जा रहे नाकामयाब प्रयासों के बीच भारत की धार्मिक संस्कृति और परंपरा से सरोवर ग्रामीणों द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान से इस महामारी का खात्मा हो या ना हो मगर ग्रामीणों का ईश्वर के प्रति विश्वास तो पड़ेगा ही।

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