ग्वालियर। अभी तक तो हमने ऑन लाइन फ्रॉड के कई मामले सुने और देखे हैं, लेकिन यह मामला कुछ अनूठा है। इस ठगी में आरोपी महंगे दामों के प्रोडक्ट ऑन लाइन प्लेटफार्म की साइट फ्लिपकार्ट और अमेजन से मंगाकर उसमें खामिया बता डमी प्रोडक्ट रिर्टन कर देता था। पुलिस को मिली शिकायत के बाद आरोपी से करीब 17 लाख रूपये के ऑन लाइन साइट से मंगाये महंगे दामों के प्रोडक्ट बरामद किये हैं।
जानिये कैसे की ठगी
कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने ग्वालियर शहर में रहने वाले छात्र देंवाशु उर्फ सनी चौहान को पकड़ा है। आरोपित युवक मूल रूप से डबरा का रहने वाला है। आरोपित ने ई-कंपनियों को ठगने के लिए नए तरीका निकाला था। देंवाशु पहले ई-कंपनी की साइड पर महंगे इलेक्ट्रोनिक्स आइटम का आर्डर करता था। कंपनी आन लाइन भुगतान लेने के बाद प्राडक्ट को डिलेवरी कर देती थी। आरोपित इस प्राडक्ट में कोई तकनीकी कमी बताकर आर्डर कैंसिल कर देता था और डिलेवरी मेन को ऑरिजनल प्रॉडक्ट निकालकर उसके स्थान पर डमी रखकर वापस कर देता था। इस तरीके से अमेजन कंपनी को वह छह महीने में 17 लाख रुपये से अधिक की क्षति पहुंचा चुका था।
लाखों के महंगे इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद
पुलिस ने आरोपित के घर से 23 लाख रुपये की कीमत के ठगे इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण व अन्य सामान बरामद किया है। आरोपित पांच करोड़ की लगात से गेमिंग सर्वर बनाना चाहता था। राज्य साइबर सेल(ग्वालियर जोन)एसपी सुधीर अग्रवाल ने बताया कि अमेजन कंपनी ने राज्य साइबर को शिकायत की थी कि मध्य प्रदेश के ग्वालियर व उसके आसपास के क्षेत्र से कोई ठग आन लाइन आर्डर करता है। आन लाइन भुगतान होने के बाद कंपनी प्राडक्ट भेज देती है। शातिर ठग इस प्राडक्ट में कोई न कोई कमी बताकर आर्डर कैंसिल कर देता है। आर्डर कैंसिल करने के बाद वह डिलेवरी मेन को पैक कर डमी प्राडक्ट थमा देता था। आर्डर कैंसिल होने पर कंपनी उसके खाते प्राडक्ट खरीदने के लिए भुगतान की गई राशि उसके खाते में वापस रिफंड कर देती थी। इस तरह से पैसा वापस आने के साथ प्रॉडक्ट भी उसके पास आ जाता था। राज्य साइबर सेल ने अज्ञात ठग के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर पड़ताल शुरू की। एसपी ने शातिर ठग को पकडऩे के लिए निरीक्षक मुकेश नारोलिया, उप निरीक्षक अजय मिश्रा, शैलेंद्र राठौर, प्रधान आरक्षक हरनारायण शर्मा, पवन शर्मा,आरक्षक पुष्पेंद्र सिंह यादव,रमन शर्मा, प्रवीन शर्मा, मेघ श्याम बलविंद्र की टीम गठित की।
ऐसे पकड़ में आया आरोपित ठग
आरोपित ऑन लाइन आर्डर करने के लिए हर बार नए नंबर और नए आधार कार्ड का उपयोग करता था। इसका पता पुलिस को कंपनी से आरोपित के ऑन लाइन आर्डर की जानकारी का अध्ययन करने पर लगा। मोबाइल नंबरों पर नजर डालने के बाद पुलिस ने मोबाइल आईएमईआई नंबर चेक करने पर पता चला कि आरोपित आर्डर करने के लिए नए मोबाइल फोन का उपयोग करता था। बारीकी से जांच करने पर पुलिस को ठग की एक चूक पकड़ में आ गई। आरोपित ने आधा दर्जन से अधिक आर्डर एक ही मोबाइल से सिम बदल-बदलकर किए थे। बस इसी चूक से राज्य साइबर सेल आरोपित को तलाशते हुए गोविंदपुरी तक पहुंच गई। पुलिस ने गोविंदपुरी से देवांशु उर्फ सन्नी पुत्र उमाशंकर चौहान निवासी गोपाल बाग ठाकुर बाबा रोड डबरा हाल निवास गोविंदपुरी को पकड़ लिया। आरोपित के रूम की तलाशी लेने पर पुलिस को 23 लाख रुपये की कीमत के इलेक्ट्रोनिक्स उपकरण सहित अन्य सामान बरामद किए हैं।
यह सामान बरामद किया
पुलिस को आरोपित के घर की तलाशी लेने पर करीब ढाई लाख रुपये की कीमत 1 केटीएम बाइक, 1 सुजुकी की स्कूटी कीमत 95 हजार(यह गाड़ी आरोपित ने ठगी के पैसों से खरीदी हैं) 30 सिम कार्ड, 15 मोबाइल फोन, 4 बैंक खाते, 6 डेबिट व क्रेडिट कार्ड, एक लैपटाप, दो डेस्क टाप, तीन सीपीयू, तीन मदर बोर्ड, चार प्रोसेसर, तीन डुप्लीकेट आइफोन, 13 आइफोन वाच, 40 आइफोन वाच (बाक्स), 13 हार्ड डिस्क, पांच आइसी चिप, आठ हार्ड डिस्क, तीन सामान पैकिंग मशीन, एक होट गन, दो सेमसंग कंपनी की एलइडी, एक माइकोमैक्स एलइडी टीव्ही, पांच आइफोन वाच, दो सोनी कैमरे के कैमरे (स्पीकर) पीसी स्टाल करने का सामान, 13 नग गेमिंग कंट्रोल, छह रेम, 10 टीएस-4 गेम सीडी, जेबीएल ब्लू टूथ स्पीकर, दो कोसमो व्हाइट गेमिंग हेंड सेट, एक इलेक्ट्रोनिक्स वेट मशीन, टूल किट एक्स बाक्स, 360 कौंसलिंग गेमिंग, सीपी प्लस स्मार्ट कैमरा, सात पोड्स एप्पल, 10 पवार केबिल, एक पैकेट यूएसबी केबल, 1 पैकेट पैकिंग स्टीक, 10 नग खाली वाच वाक्स, एक डबल सफेद पैकिंग पन्नी, एक राउटर, चार नग गेम प्ले स्टेशन पैक करने के कवर, एक डीबीडी राइटर जब्त किए।
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