उज्जैन 27 फरवरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीबों को सुस्वादु और पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाकर अनमोल दुआएँ प्राप्त करें। नगरीय निकाय और जो स्वैच्छिक संस्थाएँ यह कार्य कर रही हैं, निश्चित ही बधाई की पात्र हैं। भूखे को भोजन और प्यासे को पानी पिलाने से नारायण मिल जाते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान गत दिवस शुक्रवार को मिंटो हाल में दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के अंतर्गत प्रदेश में सुदृढ़ीकृत और नवीन 100 रसोई केंद्र का वर्चुअल शुभारंभ कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई-लिखाई और दवाई बुनियादी जरूरतें हैं। कहा भी गया है भूखे भजन न हो गोपाला। अन्न ही ब्रह्म है। अपने गाँव छोडक़र शहरों में आने वाले श्रमिक और अन्य लोग अपना और बच्चों का आसानी से पेट भर सकें, इस दृष्टि से रसोई केन्द्र उपयोगी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से प्रारंभ इस योजना का विस्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिला मुख्यालयों के अलावा प्रमुख धार्मिक पर्यटन नगर योजना में जोड़े गए हैं। इसके अलावा अन्य कस्बों, नगरों में भी रसोई केन्द्र प्रारंभ किए गए हैं। इनका विस्तार किया जाए। यह मानवता के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना काल में भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर मध्यप्रदेश से होकर जाने वाले प्रवासी मजदूरों के भोजन की व्यवस्था की गई थी। सरकार ने संबल और अन्य अनेक योजनाएँ प्रारंभ की हैं, जो गरीबों के लिए अनाज, उनके इलाज और दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक सहयोग जैसे सभी आवश्यक प्रबंध करती हैं। प्रदेश में गरीबों के उपचार के लिए दो करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरित किए गए हैं। इसमें चिन्हित अस्पतालों में व्यक्ति को 5 लाख रुपए तक के उपचार की सुविधा उपलब्ध है। सभी गरीबों को आने वाले तीन वर्ष में पक्की छत मिलेगी। प्रदेश के करीब 3 लाख स्ट्रीट वेण्डर्स को अपना कारोबार विकसित करने के लिए 10 हजार रूपए प्रति हितग्राही के मान से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीबों की भोजन व्यवस्था और उन्हें सहायता देने से दुआएँ मिलती हैं। यह कार्य सरकार, सामाजिक संस्था और व्यक्तिगत स्तर पर सभी प्रकार से किया जाना चाहिए।
हितग्राहियों से संवाद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में मुरैना के हाथठेला लगाने वाले शकील, धार के ऑटोचालक बाबू सिंह, उज्जैन के पुताई श्रमिक संतोष, छतरपुर के फल विक्रेता मोहन और इंदौर के श्रमिक कालू सिंह से बातचीत की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने हितग्राहियों से उन्हें दीनदयाल रसोई केन्द्र से मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता के संबंध में भी पूछा। हितग्राहियों ने योजना में मिल रही सुविधा की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने छतरपुर जिला प्रशासन द्वारा सामाजिक संगठन को रसोई केन्द्र के आधुनिकीकरण में सहयोग के लिए बधाई दी। इसी तरह मुरैना नगर निगम को भी कोरोना काल में रसोई घर के नियमित संचालन के लिए बधाई दी।
पोर्टल का लोकार्पण
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने योजना के लिए बनाए गए पोर्टल का लोकार्पण किया। इस पोर्टल से योजना का नियमित और सतत पर्यवेक्षण किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने योजना के क्रियान्वयन में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग की सराहना की।
क्या है दीनदयाल अंत्योदय योजना
योजना के अंतर्गत वर्ष 2017 से 51 जिला मुख्यालयों में 56 रसोई केन्द्र प्रारंभ हुए थे। उस समय 5 रूपये में भोजन की थाली उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई थी। वर्तमान में नगरीय निकायों और स्वैच्छिक संस्थाओं ने वर्ष के 310 दिन योजना का संचालन करने की व्यवस्था की है। इसमें सोमवार से शनिवार तक दस रुपए में सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक रोटी, सब्जी, दाल, चावल का प्रदाय थाली में किया जाएगा। मौसमी हरी सब्जी भी थाली में परोसी जाएगी। योजना के प्रथम चरण में 1 करोड़ 42 लाख से अधिक थालियों के माध्यम से गरीबों को भोजन करवाया गया है। नए रसोई केन्द्रों की स्थापना और संचालन के लिए राज्य शासन ने 28 करोड़ रूपए की राशि मंजूर की है। ये केन्द्र शहरों में बस स्टेण्ड, रेलवे स्टेशन और जिला अस्पताल के आसपास प्रारंभ किए गए हैं। इन केन्द्रों को गूगल मेप की सहायता से ढूँढने की सुविधा भी प्रारंभ की गई है।
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