उज्जैन 19 फरवरी। कृषि और प्रसंस्करण खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण द्वारा सन्तरा किसान उत्पादक संगठनों का निर्यात हेतु क्षमतावर्धन की कार्यशाला गुरूवार 18 फरवरी को सम्पन्न हुई। कार्यशाला एपीडा थोरिटी मेम्बर चेतनसिंह के मुख्य आतिथ्य एवं एपीडा के सहायक जनरल मैनेजर आर.रवीन्द्रा (मुम्बई) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर एपीडा के सहायक जनरल मैनेजर प्रशांत वाघमारे ने कार्यशाला के उद्देश्य एवं रूपरेखा के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यशाला में आर.रवीन्द्रा ने एपीडा के कार्यों तथा मध्य प्रदेश में भारत सरकार द्वारा एपीडा के नवीन क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने के बारे में जानकारी दी। एपीडा थोरिटी मेम्बर चेतनसिंह द्वारा कोरोनाकाल के दौरान पूर्व वर्षों की अपेक्षा एपीडा संस्था के माध्यम से निर्यात में हुई वृद्धि पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित सन्तरा उत्पादक कृषकों को अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में नवीन एपीडा कार्यालय खोले जाने से अब प्रदेश से भी सीधे विदेशों में कृषि एवं उद्यानिकी उत्पादों जैसे काला गेहूं, काली मूंछ धान, हरी मटर, प्याज लहसुन, आलू तथा सन्तरा निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
तकनीकी सत्र के दौरान प्रशांत वाघमारे ने कृषि निर्यात में एपीडा की भूमिका एवं संचालित योजनाओं के बारे में प्रकाश डाला। इसी प्रकार कार्यशाला में नागेश्वर चौरसिया एमजीएम नाबार्ड इन्दौर के प्लांट क्वारेंटाईन प्रकाश चन्द्रा ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये। उद्यानिकी विभाग के संयुक्त संचालक आशीष कुमार कनेश ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए उज्जैन द्वारा प्रदेश एवं उज्जैन संभाग में उत्पादित सन्तरा फसल एवं अन्य प्रमुख उद्यानिकी फसलों की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री केएस गुर्जर, मंडी बोर्ड के संयुक्त संचालक प्रवीण वर्मा, कृषि विभाग के सहायक संचालक बीएस अर्गल तथा उज्जैन संभाग के समस्त जिलों के लगभग 100 से अधिक कृषकों, सन्तरा कृषक उत्पादक संगठन के सदस्य आदि उपस्थित थे।
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