ब्रेकिंग न्यूज
logo
add image
Blog single photo

अब सहकारी समितियों पर कसी जाएगी नकेल, रहेगी वरिष्ठ अधिकारियों की हमेशा नजर....पढिय़े पूरी खबर बस एक क्लिक में

सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार का अड्डा बनी सहकारी समितियों पर अब नकेल कसने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए सरकार ने नया कदम उठाया है। इसके तहत अब प्रदेश की सभी साढ़े चार हजार सहकारी समितियों को ऑनलाइन करने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि इससे इन समितियों में होने वाले घपलों और घोटालों को रोकने में आसानी होगी।

उल्लेखनीय है कि ऑफलाइन कार्य होने से सहकारी समितियों में होने वाली अनियमित्ता, घोटालों पर नजर नहीं रहती थी। इससे किसानों के साथ भी धोखा होता था। लेकिन अब इस पर नकेल कसते हुए प्रदेश की साढ़े चार हजार समितियों को ऑन लाइन किया जा रहा है। माना जा रहा है कि ऑन लाइन करने से समितियों की संबंधित पूरी जानकारी एक क्लिक पर सामने आ जाएगी। इसके माध्यम से उन पर तीन स्तर पर पूरी तरह से नजर रखी जाएगी। इनमें विभाग के प्रमुख सचिव, रजिस्ट्रार और अपेक्स बैंक स्तर से मॉनीटरिंग की जाएगी। 

अब लगेगी गड़बडिय़ों पर लगाम

दरअसल प्रदेश में 4 हजार 526 सहकारी संस्थाएं दूरदराज के गांवों तक फैली हैं। जिनमें बड़े पैमाने पर गड़बढिय़ां होती हैं। हालत यह है कि कई समितियां तो समय पर वसूली नहीं किए जाने की वजह से डिफाल्टर तक हो रही हैं। दरअसल इनकी मॉनीटरिंग की पर्याप्त व्यवस्था न होने की वजह से उन की गड़बडिय़ों पर लगाम नहीं लग पा रही है। यही वजह है कि अब सरकार ने सभी प्राथमिक सहकारी संस्थाओं का कम्प्यूटराईजेशन करने का फैसला किया है। यह काम करने के लिए दो साल का समय तय किया गया है।

करोड़ों होंगे खर्च

समितियों को ऑन लाइन करने में करीब 70 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए सरकार ने शुरू आती रूप से बजट में बीस करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान भी कर दिया है। यह राशि नए वित्त वर्ष में दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार द्वारा डाटा संग्रहण के लिए स्टेट डॉटा सेंटर और डिजास्टर सेंटर का उपयोग करने की भी अनुमति प्रदान कर दी है। यह काम किस संस्था को दिया जाए इसका फैसला मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाईपावर कमेटी द्वारा तय किया जाएगा। इसके बाद वित्त सचिव की अध्यक्षता वाली समिति बजट जारी करेगी।

इन पर रहेगी नजर

संस्थाओं द्वारा बांटे गए कर्ज की स्थिति, संस्थाओं में जमा राशि की स्थिति, कितने क्रेडिट कार्ड बनाए गए, संस्था के कितने सदस्य है इसकी जानकारी भी ऑनलाईन देखी जा सकेगी। पीडीएस वितरण और स्टाक की स्थिति, खाद स्टाक और विक्रय की जानकारी, कितना कर्ज बांटा, कितना वसूलना बाकी यह जानकारी भी आसानी से मिल जाएगी। कम्प्यूटराईजेशन का काम पूरा होने के बाद प्रमुख सचिव, रजिस्ट्रार, अपेक्स बैंक और जिला सहकारी बैंक स्तर पर कहीं से भी मॉनीटरिंग की सुविधा होने से गड़बड़ी मिलने पर तुरंत संबंधित दोषी अधिकारी, कर्मचारी या समिति सदस्य के खिलाफ कार्यवाही करना संभव हो जाएगा। यही नहीं इसे रोकने के लिए जरुरी कदम भी तत्काल उठाना संभव हो जाएगा।

ताजा टिप्पणी

टिप्पणी करे

Top