भोपाल। शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश की सत्ता संभालते ही माफियाओं के खिलाफ युद्ध सा छेड़ दिया था। यही कारण रहा कि बीते कुछ माह से शिवराज का रौद्र रूप दिखाई दे रहा था। वे हर सभा में माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का निर्देश दे रहे थे। लेकिन हाल ही में हुई दो घटनाओं ने शायद शिवराज का हृदय परिवर्तन कर दिया है। बीते कुछ दिनों में उनके बोल तीखे नहीं बल्कि नरम दिख रहे हैं। यही नहीं शिवराज ने उच्चाधिकारियों को निर्देशित किया कि ड्यूटी पर तैनात कर्मियों की सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किये जाये। उन्होंने कहा कि देवास की घटना में मृतक वन रक्षक को शहीद के समकक्ष दर्जा दिया जायेगा।
यह बात सर्वविदित है कि जनवरी माह तक मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह जब भी बयान दे रहे थे माफियाओं के खिलाफ सख्त नजर आ रहे थे। लेकिन फरवरी माह के कुछ दिनों में उनके बयान की यदि बात की जाये तो ऐसा कहीं नहीं दिख रहा है कि शिवराज माफियाओं के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही का संदेश दे रहे हैं। इसका बड़ा कारण ग्वालियर संभाग में पुलिस एवं वन विभाग की टीम पर हमला और देवास में फॉरेस्ट गार्ड की हत्या को भी माना जा सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आपात बैठक में ग्वालियर और देवास की घटना को बेहद दुखद बताया एवं उच्च अधिकारियों को निर्देश दिया कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के साथ दायित्व में संलग्न वन स्टाफ की आवश्यक सुरक्षा के प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। इसके लिए गृह, वन, राजस्व आदि विभाग मिलकर संयुक्त प्रयास करें।
वनरक्षक को मिलेगा शहीद के समकक्ष दर्जा
बैठक में निर्णय लिया गया कि देवास में हमले में मृत वनरक्षक को शहीद के समकक्ष दर्जा दिया जाएगा। परिवार को सभी आवश्यक सुविधाएँ भी दी जाएंगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ग्वालियर में पुलिस निरीक्षक पर हुए हमले के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त की और अपराधियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। बैठक में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, एडीजी इन्टेलीजेंस आदर्श कटियार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल, ओएसडी मुख्यमंत्री कार्यालय मकरंद देऊस्कर और सचिव मुख्यमंत्री एम. सेलवेंद्रन उपस्थित थे।
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