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राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विशेष : समाज की सभी कुरीतियों से लडक़र नारी सम्मान की रक्षा कर रही है उज्जैन की यह बालिका

महिला सम्मान और महिला सशक्तिकरण के अन्तर्गत आज हम ऐसी बालिका से रूबरू होंगे, जो युवा बालिकाओं और महिलाओं के लिये आदर्श है। इन्होंने समाज की सभी कुरीतियों से लडक़र नारी सम्मान की रक्षा करते हुए समाज को इन कुरीतियों से बाहर निकालने का कार्य किया है। इनका नाम है कु.मोनिका कुमरावत। वे हर क्षेत्र के कार्य करते हुए एक आदर्श समाज सेवी और सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक के रूप में उभरकर सामने आई हैं। उन्हें हाल ही में बालिकाओं एवं महिलाओं को अपनी शक्ति से परिचय करवाने तथा साथ जाकर अपराधों का सामना करने और उन्हें पुलिस को बताकर अपराध को नियंत्रण करने तथा पर्यावरण संरक्षण, महिला एवं बाल स्वास्थ्य के लिये किये गये कार्यों के लिये राष्ट्रीय मानव अधिकार अपराध नियंत्रण ब्यूरो द्वारा बालिका रत्न-2020 से प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव द्वारा सम्मानित किया गया।

कु.मोनिका का जन्म 9 जनवरी 1996 को राजस्थान के कोटा में हुआ। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा की शुरूआत कोटा से ही की, लेकिन परिवार की समस्या की वजह से उन्हें महिदपुर आना पड़ा तथा आगे की पढ़ाई उन्होंने यहीं के शासकीय विद्यालयों से पूरी की। मोनिका शुरू से ही प्रतिभावान छात्रा रही हैं। उन्होंने पहली कक्षा से 12वी कक्षा का अध्ययन आर्थिक समस्याओं से जूझते हुए पूर्ण किया तथा अपने माता-पिता के कंधे से कंधा मिलाकर अन्य समस्याओं का भी सामना किया।

मोनिका बहुत पढऩा चाहती थी, इसीलिये उन्होंने स्वयं के स्तर पर उज्जैन से अपना ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन वहां बच्चों को ट्यूशन देकर और जिम में ट्रेनर का काम करते हुए प्रथम श्रेणी से पूरा किया। पढ़ाई के साथ-साथ मोनिका हर क्षेत्र में अव्वल आईं, इसीलिये जिस महाविद्यालय में उन्होंने पढ़ाई की, वहां की भी वे सर्वश्रेष्ठ छात्रा रहीं। मोनिका ने अपने पिता के साथ हर व्यवसाय में भी काम किया। उन्होंने किसी कार्य को छोटा नहीं समझा फिर चाहे वह गुड़ की ठेलागाड़ी लगाना हो, मूंगफली बेचना हो, मेंहदी, राखी या नारियल की दुकान लगाना। मोनिका ने अपने पिता की हर तरह से सहायता की। मोनिका की मां भी लगातार 20 सालों से प्रायवेट स्कूल में शिक्षिका का कार्य कर रही हैं। इसीलिये मोनिका ने अपने कार्य के साथ-साथ घर की जिम्मेदारियों को भी बखूबी पूरा किया।

मोनिका की तीन बहनें और एक भाई है। इनके माता-पिता ने हमेशा इन्हें प्रेरणा दी और सामाजिक कार्य को करने में हमेशा हिम्मत दी, ताकि वे हर कार्य को अच्छे से कर सके। मोनिका के माता-पिता उनके और हर समस्या के बीच मजबूत दीवार बनकर खड़े रहे।

मोनिका ने पार्टटाइम जॉब और पढ़ाई करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की और वर्तमान में उन्होंने स्टाफ सिलेक्शन कमिशन में सेन्ट्रल रिजर्व पुलिस की एक्जाम क्वालिफाई कर ली है। मोनिका भविष्य में सीआरपीएफ विभाग में अपनी सेवाएं देंगी। मोनिका ने गत वर्ष तीन बार राष्ट्रीय स्तर पर मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने गांव, समाज और प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है। मोनिका उज्जैन शहर का गौरव है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अलग-अलग विधा से जाकर मध्य प्रदेश के स्वादिष्ट व्यंजन एवं संस्कृति, लोकगीत, लोकनृत्य, लोक गायन, युवा सांसद कार्यक्रम आदि में प्रदेश का मान बढ़ाया है। मोनिका द्वारा पूर्व गणतंत्र दिवस शिविर और साहसिक शिविर में भी भागीदारी की गई। मोनिका पर्यावरण संरक्षण के लिये भी एक सामाजिक संस्था के साथ निरन्तर कार्य कर रही हैं। उन्होंने संस्था के साथ जल संरक्षण के कार्यों को अपने गांव में स्वयं के स्तर पर संचालित किया, ताकि महिदपुर विकास खण्ड भी आगे आये।

मोनिका बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, भ्रूण हत्या रोको, दहेज प्रथा और शासन की योजनाओं को गांव तक पहुंचाने में युवाओं को प्रेरित कर रही हैं। हाल ही में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा आरम्भ किये गये नारी सम्मान कार्यक्रम में भी वे कार्य कर रही हैं। कोरोनाकाल में भी इन्होंने समाज सेवाएं सतत जारी रखी। अपनी सफलता के पीछे मोनिका अपने माता-पिता और गुरूजनों के साथ-साथ मित्रों के सकारात्मक रवैये का योगदान मानती हैं। उनका यही कहना है कि राष्ट्र के निर्माण के लिये महिला एवं पुरूष को साथ में आगे आना होगा और आर्थिक तथा सामाजिक रूप से राष्ट्र के निर्माण में अपनी इष्टतम शक्ति का योगदान देना होगा।

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