मध्यप्रदेश में अब मैरिज गार्डन संचालन के लिए नये नियमों का प्रावधान किया गया है। नये नियमों के तहत अब 50 लोगों से अधिक क्षमता वाले स्थानों को भी इस दायरे में लिया गया है। इस दायरे में अब प्रायवेट प्रापर्टी भी आएगी। साथ ही इसका रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य किया गया है। यदि कोई रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसे अवैध मानकर तोडऩे की कार्यवाही भी की जा सकती है।
मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन विभाग ने मैरिज गार्डन संचालन के लिए नियमों में बदलाव किया है। अब सभी पुराने नियम और रजिस्ट्रेशन रद्द हो गए हैं। नए रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार ने 3 महीने का समय दिया है। साथ ही कुल क्षेत्रफल का 25 प्रतिशत पार्किंग के लिए आरक्षित करना होगा। हर वह प्राइवेट प्रॉपर्टी जहां पर 50 से अधिक लोगों का कार्यक्रम आयोजित हो सकता है, मैरिज गार्डन माना जाएगा। यदि कोई व्यक्ति मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराता है तो उसे अवैध घोषित करके तोड़ दिया जाएगा। मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन शुल्क क्षेत्रफल के अनुसार निर्धारित किया जाएगा।
मैरिज गार्डन में साफ सफाई, वाहन एवं नागरिकों की सुरक्षा एवं अग्निशमन के उपकरण रखने होंगे। लगभग 12000 रजिस्ट्रेशन शुल्क के साथ साल 750 से 10 हजार रुपए उपभोक्ता शुल्क भी भरना पड़ेगा। हर तीन साल में रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा। नियमों का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपए तक जुर्माना लगेगा। किसी भी अस्पताल या स्कूल अथवा कॉलेज से मैरिज गार्डन की दूरी कम से कम 100 मीटर होना चाहिए। मैरिज गार्डन में रात 10 से सुबह 8 बजे तक ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग नहीं होगा। विकास समिति, गृह निर्माण समिति आदि द्वारा सार्वजनिक पार्क स्थान के लिए चिह्नित स्थानों का उपयोग शादी समारोह के लिए नहीं हो सकेगा। इसके लिए लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।
निकाय सीमा में 50 लोगों से ज्यादा एकत्रित होने की क्षमता रखने वाले स्थानों को मैरिज गार्डन की श्रेणी में रखा गया है। इसमें होटल, प्लॉट, फार्म, सामुदायिक केंद्र, भवन, क्लब, बैंक्वेट हॉल, धर्मशाला आदि शामिल हैं, जिनका उपयोग शादी, सगाई, जन्मदिन, उत्सव, प्रदर्शनी, कन्वेंशन, गरबा, नववर्ष आदि समारोह के लिए किया जाता है।
ताजा टिप्पणी