उज्जैन 04 दिसम्बर। मक्सी रोड स्थित कायथा निवासी 41 वर्षीय मनोज वर्मा का मुख्य मार्ग पर हेयर कटिंग सलून है। मनोज एक पैर से दिव्यांग हैं। आज से 10 साल पहले काफी मेहनत करके मनोज ने किराये पर एक दुकान लेकर हेयर कटिंग सलून प्रारम्भ किया था। परिश्रमी स्वभाव के मनोज ने कभी भी अपनी शारीरिक कमजोरी को रोजीरोटी में बाधा नहीं बनने दिया। वे दिव्यांग जरूर हैं, लेकिन तरक्की पसन्द हैं। शुरू से ही मनोज अपनी आमदनी में वृद्धि करना चाहते थे। मनोज के परिवार में दो बच्चे व पत्नी है। बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पूरे घर का खर्च व बच्चों का पालन-पोषण इसी एक दुकान से चलता आ रहा था। पर रह-रहकर मनोज के मन में यह कसक उठती थी कि उनकी सीमित आय को कैसे बढ़ाया जाये। फिर भी मनोज सलून के माध्यम से ओवरटाईम करके परिवार का गुजर-बसर कर लेते थे। कोरोना संक्रमण के चलते जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा तो उनकी दुकान निरन्तर तीन महीने तक बन्द रही थी। इस वजह से मनोज को काफी रुपयों का नुकसान हो गया था।इस नुकसान की भरपाई तो दूर मनोज को लॉकडाउन अवधि में घर चलाने के लिये भी उधार का सहारा लेना पड़ा था। जब एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई तो व्यवसाय को बढ़ाना तो मनोज के लिये दूर की कौड़ी साबित हो गया था। अब तो जो बचा हुआ काम था, उस पर भी संकट आन पड़ा था।इस स्थिति से निकलने के लिये मनोज को रुपयों की तत्काल आवश्यकता आ पड़ी थी, लेकिन सीमित समय में मनोज इतने अधिक रुपयों का बंदोबस्त करने में असमर्थ थे। एक दिन मनोज के एमपी ऑनलाइन कियोस्क के माध्यम से पता चला कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के स्ट्रीट वेण्डर्स को आत्मनिर्भर बनाने और कोरोनाकाल में उन्हें हुए नुकसान से उबारने के लिये मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना प्रारम्भ की गई। योजना के तहत स्ट्रीट वेण्डर्स को 10 हजार रुपये का ऋण शासन द्वारा बिना गारंटी और बिना ब्याज के उपलब्ध करवाया जाता है।मनोज को ऐसा लगा जैसे भाग्य ने उन्हें एक अवसर प्रदान किया है। मनोज ने बिना समय गंवाये योजना के तहत सारे दस्तावेज एकत्रित किये और आवेदन फार्म के साथ संलग्न कर प्रस्तुत कर दिया। कुछ ही दिनों के अन्दर उनके खाते में 10 हजार रुपये की राशि आ गई। इस आर्थिक सहायता की बदौलत मनोज न सिर्फ अपने नुकसान की भरपाई कर सके, बल्कि सलून के साथ-साथ उन्होंने अपनी दुकान में बची हुई जगह में डिस्पोजेबल आयटम भी बेचने के लिये खरीद लिये। मनोज अब सलून के साथ-साथ डिस्पोजेबल सेन्टर का संचालन भी कर रहे हैं।इससे मनोज की आमदनी में दोगुनी वृद्धि हो गई है। मनोज का कई वर्षों पुराना सपना मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट वेण्डर योजना की बदौलत साकार होता दिखाई दे रहा है। मनोज के अनुसार यह योजना उनके लिये वरदान साबित हुई है।
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