उज्जैन । प्रशासन एवं पुलिस के साथ सांठगांठ कर छत्तीसगढ में कार्यपालन यंत्री और क्षपणक मार्ग स्थित भवन के मकान मालिक ने षडयंत्रपूर्वक किराएदार को बेदखल कर दिया है।इसमें मकान मालिक का साथ क्षेत्रीय थाना पुलिस ने दिया और किराएदार को धमकाया गया।
किराएदार सुधीर कुमार जायसवाल ने बताया कि दुकान मालिक चन्द्रशेखर शिवहरे कार्यपालन यंत्री छत्तीसगढ एवं प्रशासनिक अधिकारी राजेश शिवहरे (सीईओ आरईएस, भोपाल) उनके मकान मालिक हैं।उनकी दुकान वैधानिक रूप से उन्होंने किराए पर ले रखी थी।मकान मालिकों ने अपने प्रभावी अधिकारों का दुरूपयोग करते हुए क्षेत्रीय थाना के साथ सांठगांठ कर बिना सूचना दिये, बिना न्यायालय की अनुमति के दुकान का सामान पुलिस प्रशासन की देखरेख में हटाया गया। सुधीर कुमार जायसवाल द्वारा थाना प्रभारी, नगर पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, जिलाधीश महोदय के साथ सी.एम.हेल्प लाईन पर भी सूचना दी गयी परन्तु कोई भी कार्यवाही नही की गयी है।
किराएदार सुधीर कुमार जायसवाल ने बताया कि मैं सीनियर सिटीजन हूँ शुगर एवं ब्लड प्रेशर रोग से भी पीड़ित हुं।मेरी किराए की दुकान 21, क्षपणक मार्ग, फ्रीगंज, उज्जैन पर टायपिंग का व्यवसाय कर अपना, अपने परिवार (पत्नि, दो पुत्री, एक पुत्र, एवं वृद्ध माताजी) का पालन पोषण करता आ रहा हूँ।
इस तरह किया गया षडयंत्र-
दिनांक 1 अगस्त 2008 को 21, क्षपणक मार्ग, फ्रीगंज उज्जैन पर किराये से दुकान रू. 80,000/- एडवांस (फिक्स डिपाजिट) के रूप में जमा कर रू. 800/- प्रतिमाह किराया तय हुआ था। दिनांक 1-1-2015 को मेरे द्वारा स्वेच्छा से रू. 200/- बढ़ाकर 1000/- रूपये प्रतिमाह दिये थे जो कि तीन माह तक दिये तथा दिन माह पश्चात् भी कहने लगे कि किराया और बढ़ाओ किराया और बढ़ा दो तुम्हारी लड़कीयों की शादी होगी तो मैं सहयोग करूँगा, जिस पर मेरे द्वारा रू.1,500/प्रतिमाह मेरे द्वारा किराया अदा किया गया जो कि दिनांक 01-02-2016 तक लेकर मुझसे षडयंत्रपूर्वक मुझसे कहाँ गया कि एक नया किराया चि_ी तैयार कर लेते है जिसमें थोड़ा किराया बढ़ाकर लिखेगे जब मुझसे कहाँ किया था कि मुझे एक लाख रूपये वेतन मिलता है तथा प्रतिमाह 2 लाख रूपये पीसी आती है प्रतिमाह तीन लाख रूपये आते है मेरे पास वैसे भी पैसों की कोई कमी नही है तथा मुझसे रू.3500/- की किराया चि_ी लिखायी गयी और कहाँ गया और इतनी राशि का एक अनुबंध
दिनांक 1-1-2016 को करवाने के बाद मुझसे प्रतिमाह 3500/- किराया लिया तथा उसके पश्चात् मुझसे कहाँ गया कि पास के दुकानदार 10000/- किराया दे रहे है तुम भी किराया दस हजार रूपये दो नही तो दुकान खाली करने का दबाव बनाते रहे तथा कहने लगे कि शिवहरे मेडिकल एवं दंत चिकित्सक को 10000/- रू. में किराये पर देना है जिस पर मेरे द्वारा कहाँ गया कि इतना किराया नही दे सकता हूँ फिर भी प्रतिवर्ष 500/- बढ़कर दे सकता हूँ परन्तु निरन्तर किराया बढ़ाने का दबाव बनाते रहे जिस पर मेरे द्वारा कई गणमान्य, वरिष्ठजनजनों द्वारा समझाईश दिलवायी गयी परन्तु नही माने गये। फिर भी मकान मालिक चन्द्रशेखर शिवहरे मुझे कई बार धमकी दी गयी तथा पास के मेडिकल के सुमित शिवहरे एवं सुनील शिवहरे को मुझे परेशान करने के लिये बढ़ावा दिया गया तथा मेरे बोर्ड हटवाकर, बिना वजह विवाद, मुझे जान से मारने की धमकी दी तथा मेरी दुकान के सामने सुमित शिवहरे अपना चार पहिया वाहन एमपी-09/सीजी 7402 दिनभर रखकर मेरे ग्राहकों, मेरे यहाँ आवेदन वाले छात्र-छात्राओं को परेशान करना प्रारंभ कर दिया तथा मेरी दुकान पर आने वाली लड़की से बेवजह बाते करना, परेशान करना चालू कर दिया जिसका कारण मेरे व्यवसाय पर विपरीत प्रभाव पडऩे लगा जिसका आवेदन मेरे द्वारा थाना माधवनगर में दिया था। इसके पश्चात् चन्द्रशेखर शिवहरे एवं इसके परिवारजन द्वारा दुकान खाली करने की धमकी दी जाती थी तथा मेरे ग्राहकों के सामने मुझे अपमानित किया जाता रहा तथा आसपास कहाँ जाने लगा किराया नही दे रहा है, किराया नही दे रहा है, मुझे परेशान करके मेरे ग्राहकों के सामने मुझे अपमानित करते कहने लगे कि लिखकर दो नही तो अभी सामान फेंकता हूँ तथा कहने लगे तेरे से नया किराये का अनुबंध इसलिये ही तो करवाया था। फिर भी मेरे द्वारा कहाँ गया था कि कहीं पर मुझे दुकान मिल जावेगी तो मैं खाली कर दूंगा, दुकान की व्यवस्था नही होने के कारण मैं दुकान रिक्त करने में असंभव है। नवरात्री-2020 के पूर्व मेरे पास चन्द्रशेखर का फोन आया कि तू दुकान खाली कर रहा है या नही, नही करेगा तो मेरा राजेश शिवहरे ने प्रीति को मारकर मामला कैसा रफा-दफा किया, तु किस खेत की मूल है। इस बीच पीयुष शिवहरे मनी ट्रांसफर के नाम पर लाखों रूपये मंगवाये गये तथा मुझे ट्रांजेक्सन का एक रूपया भी नही दिया जो कि इनकी सोची समझी साजिस थी। मेरे द्वारा नवम्बर-2019 तक नगद किराया अदाया किया गया है तथा दिसम्बर-2019, जनवरी-2020, फरवरी-2020 तथा मार्च 2020 को चन्द्रशेखर शिवहरे की पत्नि के खाते में अन्य किरायेदार की तरह जमा किये है। मेरी दुकान में रखे सामान, टायपिंग मशीन, लेपटॉप, कम्प्यूटर, मानीटर, एलसीडी, टेबल, काउन्टर, काउन्टर विथ लॉकर जिसमें लगभग नगद रूपये, चांदी के सिक्के, गहने आदि रखे हुए थे साथ ही ड्राईविंग लायसेन्स, पेनकार्ड, भारतीय स्टेट बैंक, युनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक, पंजाब एण्ड सिंध बैंक, टंकणकला शीघ्रलिपि प्रशिक्षण संघ जिला उज्जैन की चेक बुक, मेरे जीवन की संपूर्ण जीवन की अंक सूची, रजिस्ट्री, चस्मा, भारतीय जीवन बीमा की पॉलिसी, रसीदें आदि, प्रिंटरर्स, ई स्टॉम्प प्रिंटर, डिवाईस नोवा पे, डिवाईस एमपीऑनलाईन, स्टूल, बेंच, कुर्सी, पेपर, स्केनर, स्पायलर मशीन, लेमीनेशन मशीन, बीएसएन मोडम, जीओ मोडम, एक्सटेंशन, की बोर्ड, माउस, छत पंखा, एक्सटेंशन बिजली बोर्ड आदि लगभग 11,20,400/- का सामान नगद एवं रू. 80,000/- फिक्स डिपाजिट (एडवांस) जमा उक्त सामान के साथ-साथ भारत हाउसिंग बोर्ड, अवंतिका कर्मचारी गृह निर्माण, लोक निर्माण, लोनिवि पीआईयू, कलेक्टर कार्यालय, थीसीस आदि विभागों के गोपनीय एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज भी रखे हुये थे।
दीपावली पर मेरी माताजी का स्वास्थ्य खराब था, दिपावली पश्चात् जब मैं दुकान पर पुजन करने गया तो देखा कि मेरी दुकान पर मेरा ताला नही था अर्थात् मेरी दुकान में रखा सामान, नगद, आवश्यक दस्तावेज आदि नही थे, सुधीर कुमार जायसवाल द्वारा बताया गया कि दुकान मालिक द्वारा ताला तोड़कर अफरा तफरा कर दिया हैं तथा दुकान की रंगाई-पुताई करे होर्डिंग बोर्ड हटा दिये है तथा पास के मेडिकल एवं दंत चिकित्सक के बोर्ड लगा दिये है, अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। बाद में थाना प्रभारी दिनेश प्रजापत ने बताया कि मेरी देखरेख में सामान हटाया गया, जब मेरे द्वारा कहाँ गया कि आपने मुझसे संपर्क करने के बाद कार्यवाही करते जिस पर मौन रहकर जरा-जरा सी बात को लेकर न्यायालय जाने की बात कहकर मेरी प्रथम सूचना प्रतिवेदन (एफआईआर) नही लिखी जा रही है।
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