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रहवासियों की मांग : मिल क्षेत्र के रहवासियों को मिले मालिकाना हक

उज्जैन। बिनोद मिल की चाल को जमींदोज होने से बचाने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा नगर निगम चुनाव के दौरान किये गये वादे अनुसार इसका मालिकाना हक दिए जाने की माँग यहां के रहवासियों ने की है।

इस संबंध में बिनोद मिल की चाल में रहने वाले रहवासियों की ओर से एक पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। पत्रकार वार्ता में वार्ड पार्षद श्रीमती शैफाली राव ने बताया कि सभी रहवासी बिनोद मिल की चाल में निवास करते हैं। श्रीमती राव ने कहा कि हम या हमारे पूर्वज कभी न कभी द बिनोद मिल्स कंपनी लिमिटेड जिसमें (बिनोद मिल, विमल मिल, दीपचंद मिल जिसका नाम पश्चात में बदलकर इंदौर टेक्सटाईल मिल व फोनिक्स मिल कर दिया गया था) उसमें काम करने के कारण जिन क्वार्टरों में हम रह रहे हैं वह क्वार्टर हमारे या हमारे पूर्वजों के नाम से आवंटित किया गया था। जिसमें हम लोग पिछले 30-40 सालों से लेकर 70-80 वर्षों से वैधानिक तरीके से निवास कर रहे हैं। इस प्रकार पीढ़ी दर पीढ़ी हमारी इन क्वार्टरों में निवास करते गुजर गई है।

23 अक्टूबर 2020 को एक समाचार पत्र में ई-नीलामी विक्रय सूचना को पढ़कर सभी रहवासी हतप्रभ रह गए। सूचना के अनुसार बस्ती को तोड़कर उसके मलबे की ई-नीलामी 11 नवम्बर को की जाएगी और इसके लिए टेंडर भी आमंत्रित किए गए हैं। उक्त आदेश से श्रमिक क्वार्टरों में रहने वाले सभी रहवासी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं तथा उक्त निर्णय लेने के पूर्व किसी प्रकार का कोई नोटिस जारी नहीं किया गया और एकपक्षीय रूप से निर्णय ले लिया गया। इस कारण रहवासी माननीय न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष भी नहीं रख सके। रहवासियों ने माँग की कि वे जिन क्वार्टरों में पिछले कई वर्षों से निवास कर रहे हैं, उन क्वार्टरों की किसी योग्य मूल्यांकन करने वाले से मूल्यांकन करवाया जाए तथा मूल्यांकन के आधार पर रहवासी माननीय न्यायालय में अथवा शासन को जमा कराने को तैयार हैं। मूल्यांकन जमा करवाकर मालिकाना हक देने की माँग रहवासियों ने की है।

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