मध्यप्रदेश में शासकीय आवास पर कुंडली मारकर बैठने वालों पर अब दीपावली के बाद कार्यवाही होगी। इसका कारण है मध्यप्रदेश सरकारी आवास आवंटन नियम में हुआ फेरबदल है। जानकारी के अनुसार नए नियमों का गजट नोटिफिकेशन भी करा दिया गया है। माना जा रहा है कि सरकार दीपावली के बाद कार्यवाही शुरू करेगी।
कब्जा नहीं कर सकेंगे सरकारी कर्मचारी
नियमों में परिवर्तन के बाद कोई भी सरकारी कर्मचारी अधिकारी गवर्नमेंट क्वार्टर में नियम विरुद्ध कब्जा करके नहीं रह सकता। इससे पहले तक किसी अधिकारी के कहने पर रहने की अनुमति दे दी जाती थी। लेकिन अब यह संभव नहीं लग रहा है।
यह हुआ है नियमों में अहम बदलाव
मप्र सरकारी आवास आवंटन नियम में हुए बदलाव की बात करें तो उसके अनुसार अब चाहे बड़ा अधिकारी हो या छोटा सा कर्मचारी, रिटायरमेंट के 3 महीने के भीतर सरकारी आवास खाली करना होगा। रिटायरमेंट के बाद आवास खाली न करने पर जुर्माना एवं प्रचलित बाजार दर पर किराया वसूला जाएगा। जुर्माना एवं बाजार दर पर किराया का मतलब सरकारी आवास पर अधिकार नहीं होगा। यदि शासन को आवास की आवश्यकता हुई तो बिना पूर्व सूचना बेदखली की कार्रवाई की जा सकती है।
बड़े अधिकारी के लिए 6 महीने
नये नियमों में बड़े अधिकारियों को भी कोई छूट नहीं मिलेगी। नियमों के अनुसार कलेक्टर-कमिश्नर यानी बड़े अधिकारियों का भोपाल के बाहर तबादला हो जाने पर 6 महीने की समय सीमा में सरकारी आवास खाली करना होगा। यदि वह ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी या कर्मचारी किसी भी स्थिति में सरकारी आवास पर नियम विरुद्ध कब्जा नहीं कर सकता।
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