भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सिंह सरकार का गठन हुआ तो गोविंद सिंह राजपूत एवं तुलसी सिलावट को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। संविधान में प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोनों नेताओं को उस समय मंत्री पद दिया जबकि वह दोनों विधायक नहीं थे। कांग्रेस पार्टी एवं विधायक पद से इस्तीफा दे चुके थे और इनकी नियुक्ति अधिकतम 6 महीने के लिए हो सकती है। दोनों नेताओं की 6 महीने की अवधि बीत गई है। निर्धारित नियमों के अनुसार ऐसा व्यक्ति जो विधानसभा का सदस्य (विधायक) नहीं है, उसे मुख्यमंत्री या फिर मंत्री बनाया जा सकता है परंतु शपथ ग्रहण के 6 महीने के भीतर उसे चुनाव लड़ना होता है। यदि वह जीत जाता है तो अपने पद पर बना रह सकता है, लेकिन यदि हार जाता है तो उसे इस्तीफा देना होता है। शिवराज सिंह चौहान एवं कमलनाथ जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने वे दोनों मध्यप्रदेश के विधायक नहीं थे।
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