भोपाल। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक व्यवसायी ने पंजाब ज्वेलर्स से हीरे की अंगूठी और टॉप्स लेना महंगा पड़ गया। संचालक और मैनेजर ने जालसाजी कर साढ़े 17 लाख रुपए कीमत के हीरे की जगह कांच के टुकड़े थमा दिए। व्यवसायी ने इसकी जांच एक ज्वेलर्स के यहां कराई, तो धोखाधड़ी का पता चला। इन्होंने खुद भोपाल से लेकर मुंबई तक दो अलग-अलग लैब में हीरे की जांच करवाई। जांच में हीरे नकली ही निकले।
मामले में व्यवसायी ने सप्रमाण शिकायत एसटीएफ से लेकर ईओडब्ल्यू और पुलिस थाने में की। इसके बाद मामला अरेरा हिल्स थाने पहुंचा। पुलिस ने अब पंजाब ज्वेलर्स के संचालक और मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। कोहेफिजा निवासी सैयद तारिक अली ने पुलिस को बताया कि 8 जून 2014 को उन्होंने मालवीय नगर स्थित पंजाब ज्वेलर्स से अपनी बीवी के लिए टॉप्स और रिंग लिए थे। इसमें हीरे जड़े हुए थे। टॉप्स 9 लाख से अधिक और अंगूठी का हीरा 7 लाख रुपए से अधिक कीमत का था। दोनों की कुल कीमत 17 लाख 45 रुपए थी। उन्होंने वर्ष 2018 में एक प्राइवेट ज्वेलर्स के यहां हीरे की जांच कराई। यहां पता चला कि यह हीरा नहीं बल्कि कांच के टुकड़े हैं। इसके बाद उन्होंने दो लैब में इसकी जांच कराई। भोपाल और मुंबई की हीरे की जांच करने वाले लैब की रिपोर्ट भी कांच के टुकड़े होने की आई। उनकी शिकायत की जांच के बाद अरेरा हिल्स पुलिस ने गुरुवार देर रात संचालक दर्पण आनंद और मैनेजर राजेश चोपड़ा के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।
क्या है पूरा मामला
तारिक ने बताया कि वे पंजाब ज्वेलर्स के लिए भी होर्डिंग बनाने का काम करते हैं। इसी पेमेंट के बदले ही उन्होंने हीरे की रिंग और टॉप्स बना कर दिए थे। पांच साल तक तो केवल ऐसे ही रखे रहे। उन्होंने ध्यान नहीं दिया। जब उन्होंने दूसरे जेवर बनवाने के लिए इसे चेक करवाया, तो वह नकली निकले। ढाई साल पहले इसके बारे में संचालक दर्पण आनंद और मैनेजर राजेश चोपड़ा को बता दिया था। पहले तो वह बदलकर दूसरा देने की बात करते रहे, लेकिन बाद में पलट गए। उन्होंने इसकी शिकायत एसटीएफ भोपाल से की। एसटीएफ जांच कर रहा था। दर्पण को पूछताछ के लिए बुलाया भी गया था। हालांकि चुनाव आदि आने के कारण फिर मामला टलता गया।
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