उज्जैन 14 अक्टूबर। उज्जैन की तराना तहसील निवासी 54 वर्षीय देवीलाल चौहान की गांव में किराने की एक छोटी-सी दुकान है। उनके परिवार में चार सदस्य हैं। दुकान से जैसे-तैसे देवीलाल के परिवार का गुजारा चलता था। कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन की वजह से जो छोटी-मोटी आमदनी होती थी, वह भी बन्द पड़ गई थी। इस दौरान देवीलाल की चिन्ता का सबसे बड़ा विषय दो समय का भोजन जुटा पाना था। लॉकडाउन के कारण बाजार में दुकानदारों द्वारा मनमाने तरीके से राशन के दाम वसूल किये जा रहे थे।
ऐसी स्थिति में जो लोग आर्थिक रूप से सशक्त थे, वे तो फिर भी राशन ला पा रहे थे, परन्तु देवीलाल जैसे लोगों के लिये यह समय मुश्किलों से भरा था। जब अनलॉक की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई तो भी देवीलाल की दुकान पहले जैसी नहीं चल पा रही थी। लॉकडाउन की लम्बी अवधि के कारण दुकान में बचा हुआ माल खराब हो गया था, जिससे देवीलाल को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा था तथा वे पुन: दुकान प्रारम्भ करने के लिये पर्याप्त पूंजी जुटा पाने में असमर्थ थे।
जीवन में अचानक आई इस समस्या ने देवीलाल के झुर्रियों से भरे चेहरे पर शिकन और बढ़ा दी थी, लेकिन इस चेहरे पर मुस्कान लाने का काम किया मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना ने। देवीलाल ने इस योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन दिया और खाद्य विभाग द्वारा तुरन्त कार्यवाही करते हुए उनका राशन कार्ड बनाया जाकर पात्रता पर्ची वितरित कर दी गई। अब देवीलाल को योजना अनुसार पांच किलो गेहूं व चावल प्रति सदस्य और एक किलो नमक व डेढ़ लीटर केरोसीन उपलब्ध करवाया जा रहा है। देवीलाल इस योजना के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि इस योजना के तहत उन्हें उस समय सहायता मिल सकी जब उनके लिये बाकी सब दरवाजे बन्द हो चुके थे।
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