उज्जैन। शुक्रवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का शहर आगमन था। यह आगमन हर जगह विवादों में ही रहा। हेलीपेड पर भाजपा नेता को पुलिस ने रोका तो मुख्य कार्यक्रम स्थल के बाहर भी विभिन्न संगठनों के लोग अपनी मांगों को लेकर पहुंचे जिन्हें पुलिस द्वारा रोककर दूर कर दिया गया।
सबसे पहले मुख्यमंत्री चौहान का हेलीपेड पर स्वागत करने वालों की प्रोटोकॉल के मान से पुलिस प्रशासन द्वारा लिस्ट तैयार की गई थी जिसमें भाजपा नेता जगदीश अग्रवाल सहित कई अन्य नेताओं के नाम शामिल नहीं थे। भाजपा नेता जगदीश अग्रवाल जब हेलीपेड पहुंचे तो उन्हें सूची में नाम नहीं होने के कारण पुलिस ने रोक दिया। इस पर अग्रवाल ने पूर्व सांसद सहित अन्य नेताओं को बुलाया और विवाद शुरू हो गया। सीएसपी मामले को सुलझाने पहुंची तो जगदीश अग्रवाल सहित अन्य भाजपा नेताओं ने अपशब्द कहते हुए ट्रांसफर कराने की बात तक कह डाली। स्थिति यह हो गई कि जगदीश अग्रवाल ने आवेश में आकर बैरिकेड पटक दिया, जिसके नीचे एक एसआई का पैर भी आ गया जिससे उन्हें मामूली चोंट भी आई। वहीं प्रायवेट स्कूल संचालकों द्वारा बच्चों के परिजनों से की जा रही मनमानी फीस वसूली के विरोध में पालक संघ के सदस्य और बच्चों के अभिभावक बड़ी संख्या में एकत्रित होकर कालिदास अकादमी पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री का संकुल हॉल में कार्यक्रम चल रहा था और बाहर पालकों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। इनके हाथों में पोस्टर और बैनर थे। जिन पर प्रायवेट स्कूलों द्वारा वसूली जा रही फीस के विरोध में नारे लिखे थे। पुलिस ने पालक संघ के सदस्यों को समझाकर लौटाने का प्रयास किया लेकिन जब समझाइश का कोई असर नहीं हुआ तो पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा। इसी के साथ ही म.प्र. उच्च माध्यमिक व माध्यमिक शिक्षक भर्ती चयन अभ्यर्थी जिला उज्जैन के सदस्य बैनर व पोस्टर लेकर मुख्यमंत्री से मिलने और ज्ञापन देने मुख्य कार्यक्रम स्थल कोठी रोड़ पहुंचे। यहां पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोककर दूर कर दिया। यही नहीं वर्ष 2018-19 में हायर सेकेण्डरी व हाईस्कूल परीक्षा में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्रएं लेपटाप राशि की मांग को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे इन बच्चों को भी पुलिस ने रास्ते में रोककर लौटा दिया।
ताजा टिप्पणी