एड.हरीश राठौर
(विधि सवांददाता)
*उज्जैन। 4 साल पहले उज्जैन के सेठी नगर में एक डॉक्टर की मां की हत्या किए जाने के सनसनीखेज मामले में न्यायालय ने आरोपियों को आजीवन कारावास सजा सुनाई है। बुधवार को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश अंजनीनंदन जोशी की कोर्ट में इस मामले में वारदात के बाद से ही सलाखों के पीछे बंद तीन आरोपियों को भादवि की धारा 302,392,397,449,450,460/120 बी में आरोपीगणों को चार बार का आजीवन कारावास व अर्थदंड से ऑनलाइन फैसला सुनाते हुए दंडित किया।*
*क्या है मामला*
*उप-संचालक अभियोजन डॉ0 साकेत व्यास ने बताया कि घटना इस प्रकार है कि घटना इस प्रकार है दिनांक 13.06.2016 को थाना माधवनगर को संजीवनी अस्पताल एण्ड रिसर्च सेंटर उज्जैन से फोन पर यह सूचना प्राप्त हुई कि अंजू पति दलपतसिंह राठौर, निवासी-अशोक विहार कालोनी उज्जैन को गला कटने से इलाज हेतु उक्त अस्पताल में भर्ती किया है। उक्त सूचना पर थाना प्रभारी माधवनगर महेन्द्र सिंह परमार संजीवनी अस्पताल उज्जैन पहुंचे, जहां अंजु मृत अवस्था में मिली। मृतिका के पुत्र अक्षयसिंह से घटना के बारे में जानकारी ली जाने पर उसके द्वारा बताया गया कि वह अशोक बिहार कालोनी उज्जैन में रहता है तथा तीन बत्ती चौराहे पर क्लीनिक चलाता है। दिनांक 13.06.2016 को रात्रि 08ः00 बजे वह उसके घर से क्लीनिक चला गया था। घर पर उसकी मॉ अंजूसिंह अकेली थी, रात्रि 09ः15 बजे वापस घर आया तो घर के कमरे के आगे का दरवाजा बंद होकर बाहर से एक नकूचा लगा था, उसने दरवाजा खोलकर देखा तो आगे वाले कमरे के फर्श पर उसकी मॉ अंजू खून से लतपथ औंधे मुंह पड़ी थी, फर्श पर खून फैला था, कमरे में रखा गमला टूटा होकर सोफे पर पड़ा था। उसके द्वारा उसकी मॉ को सीधा करके देखने पर उनके गले व पेट पर गहरी चोट के निशान होकर खून निकल रहा था। उसने उसकी मॉ से बात करने की कोशिश की थी लेकिन वह कुछ बोल नहीं पायी। घर में जो अलमारी थी वह जो टूटी थी। उसके रखे सोन केे दो हार, सोने की एक पायल जोड़ी, लक्ष्मी जी का चॉदी का सिक्का, एक सोने की चैन, एक जोड कान की झुमकी तथा एक चॉदी का मैडल गायब था। घर के तीनों कुत्ते पीछे बंधे हुए थे, जब भी घर में कोई परिचित आता था तो उसकी मॉ तीनों कुत्ते को पीछे बंद कर देती थी। उसने 108 नम्बर एम्बुलेंस को फोन किया था लेकिन फिर वह स्वयं के वाहन से ही मॉ को लेकर संजीवनी अस्पताल लाया गया। जहां उसकी मॉ को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। किसी अज्ञात बदमाश या किसी परिचित के द्वारा उसके घर में घुसकर लूटपाट करने के उद्देश्य से उसकी मॉ अंजू राठौर की हत्या होना बताया। थाना माधवनगर द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गई।*
*विवेचना के दौरान मृतिका की पीएम रिपोर्ट में मृत्यु की प्रकृति आपराधिक मानव वध होना बताई गई। विवेचना के दौरान घटना स्थल से फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की सहायता से स्टील के गिलास आदि वस्तुओं से फिंगर प्रिंट लिये गये। रिपोर्ट में आरोपी अभिषेक राजपूत के उंगली के चिन्ह जप्त शुदा गिलास पर पाये गये। आरोपीगण से लूटी गई सम्पति जप्त की गई। घटना दिनांक व समय की आरोपीगण की सी.डी.आर. निकाली गई। घटना के समय आरोपीगण को मृतिका के घर में जाते देखने वाले साक्षी से पहचान परीक्षा भैरूगढ़ जेल में कराई गई। विवेचना के पश्चात् न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया।*
*दण्ड के प्रश्नः*- *आरोपीगण द्वारा न्यायालय से यह निवेदन किया कि यह उनका प्रथम अपराध है, उनके उपर पारिवारिक जिम्मेदारी है, उनकी सजा की प्रति सहानुभूति विचार किया जाये।
अभियोजन अधिकारी द्वारा आरोपीगण को कठोर दण्ड से दण्डित किये जाने का निवेदन किया।
*न्यायालय की टिप्पणीः*- श्रीमान अंजनीनन्दन जोशी न्यायाधीश महोदय द्वारा अपने निर्णय में टिप्पणी की गई कि आरोपीगण द्वारा सुनियोजित रूप से लूटकर हत्या का जघन्य अपराध कारित किया गया है, जो समाज की शांति व्यवस्था को प्रभावित करता है और इससे समाज में भय, आतंक व असुरक्षा का वातावरण निर्मित होता है जो समाज की उन्नति और प्रगति के लिए बाधक है।
न्यायालय द्वारा वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई।
अभियोजन की ओर से पैरवी प्रमोद चौबे, लोक अभियोजक जिला उज्जैन द्वारा की गई।
*इन्हें मिली सजा*
-01. रतना राव पति राजू राव, उम्र-30 वर्ष, निवासी- झुग्गी झोपड़ी, गोपालपुरा मक्सीरोड, उज्जैन
02. अभिषेक पिता धर्मेन्द्र राजपूत, उम्र-20 वर्ष, निवासी- झुग्गी झोपड़ी, गोपालपुरा मक्सीरोड, उज्जैन
03. अभिषेक उर्फ राहुल पिता अनिल तिवारी, उम्र-23 वर्ष, निवासी- कंचनपुरा, मक्सीरोड, जिला उज्जैन ।
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