उज्जैन। विश्वकर्मा पांचाल जूना गुजराती समाज के वरिष्ठ समाजसेवी एवं वरिष्ठ पत्रकार बृजेश परमार के पिता तेजकरण परमार का 76 वर्ष की उम्र में महामारी के चलते गुरुवार को माधवनगर अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट कर शोक संवेदना व्यक्त की। स्व. परमार पांचाल समाज में जागृति के संवाहक के रूप में देखे जाते थे। उज्जैन के त्रिवेणी श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार प्रशासनिक नियमों के अनुसार उनके छोटे पुत्र एवं वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश परमार की उपस्थिति में किया गया। वे स्वास्थ्य कर्मी नरेन्द्र परमार के पिता एवं अनुकूल परमार, अद्वैत परमार के दादाजी थे।
श्री तेजकरण परमार पांचाल समाज में जागृति और पांचाल युवा संगठन के उत्थान में पिछले 3 दशक से अधिक समय से सक्रिय थे। उन्होंने युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए विश्वकर्मा पांचाल सहकारी संस्था का पंजीयन करवाया और संस्था के माध्यम से समाज के युवाओं को आर्थिक मदद उपलब्ध करवाते हुए उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित ही नहीं किया बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के कई सुझाव और परामर्श भी दिया। वे स्वास्थ्य विभाग से 41 वर्ष की सेवाकाल पूर्ण कर सेवानिवृत्त हुए थे। वर्ष 2006 में सेवानिवृत्ति के उपरान्त वे पूर्णकालिक रूप से समाज के लिए समर्पित हो गए थे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में सेवा देते हुए सिंहस्थ 1980, 1992 और 2004 में सहायक सांख्यिकी अधिकारी के पद से योजनाओं में सहयोग दिया। वे विभिन्न पदों पर रहते हुए लोकप्रिय रहे। वह अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। दो पुत्र, एक पुत्री, दो पौत्री, दो पौत्र एवं नाती सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए। पांचाल समाज के पूर्व अध्यक्ष जगदीश पांचाल ने त्रिवेणी श्मशान घाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और इसे समाज की अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि अपूर्णीय क्षति शब्द संभवत: ऐसी दिव्य इंसानों के लिए ही बना हुआ है।
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