इंदौर। पुलिस प्रशासन द्वारा लगाये गए प्रतिबंध के बावजूद भी पुलिस को चकमा देकर निकाल लिये गये ताजिये। इस पर टीआई पर गाज गिरी और उन्हें लाइन अटैच किया गया है। वहीं ताजिये निकालने वाले लोगों पर भी एफआईआर दर्ज की गई है। अब फोटो और वीडियो देखने के बाद आरोपियों की पहचान होगी।
उल्लेखनीय है कि संडे लॉकडाउन और सार्वजनिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध के बावजूद इंदौर के खजराना क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ताजिए निकाले। बड़ला इलाके में भारी संख्या में लोग इक_ा हुए और पांच ताजियों को लेकर मैदान में आ गए। सामूहिक तौर पर नियमों का उल्लंघन होने के कारण सबसे पहले खजराना पुलिस थाने के इंस्पेक्टर संतोष सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया गया है।
एएसपी राजेश रघुवंशी के अनुसार घटना रविवार दोपहर को बड़ला में हुई है। चार दिन से लगातार समुदाय के लोगों को समझाया जा रहा था कि कोविड काल में कोई भी भीड़ इक_ी नहीं होने देना है। ताजिए अपने स्थान पर रखे रहेंगे। उन्हें बाहर नहीं निकाला जाएगा। खजराना में बाकी जगहों पर अच्छी व्यवस्था थी लोगों ने पुलिस की बात मानी, लेकिन बड़ला में अचानक भीड़ सामने आ गई। यहां लोगों ने पुलिस की सारी व्यवस्थाओं को धत्ता बताते हुए लोगों ने ताजिए निकाल दिए। वे बड़ी संख्या में बाहर आए। ताजिए मैदान में भी घुमाए। युवक नारेबाजी करते रहे। इस दौरान पुलिस ने व्यवस्था संभालने की कोशिश की, लेकिन जब भीड़ सामने आ गई तो उन्हें संभालना मुश्किल था। बाद में एसडीएम, एएसपी और सीएसपी भी वहां पहुंचे। उन्होंने लोगों को समझाया। फिर व्यवस्था बनाई। इस पूरे घटनाक्रम में अधिकारियों ने टीआई संतोष सिंह यादव को जिम्मेदार मानते हुए लाइन अटैच किया है। उधर, पुलिस ने पांच ताजिए लेकर आने वाले लोगों के खिलाफ उल्लंघन का केस दर्ज किया है। अब वीडियो देखकर उनके नाम दर्ज किए जाएंगे। एएसपी राजेश रघुवंशी के अनुसार इसमें 4 एफआईआर हुई। सभी पर भादवी की धारा 188, 269 और 270 के तहत केस दर्ज हुआ है। इसमें कुछ नामजद लोग हैं जिसमें उस्मान पटेल का नाम भी शामिल है। बाकी की पहचान फोटो और वीडियो देखकर होगी। वीडियो के लिहाज से इसमें 100 से ज्यादा लोग होंगे।
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